प्रणब दा के निधन पर शिवराज, कमल नाथ ने शोक जताया

प्रणब दा के निधन पर शिवराज, कमल नाथ ने शोक जताया

IANS News
Update: 2020-09-01 06:20 GMT
प्रणब दा के निधन पर शिवराज, कमल नाथ ने शोक जताया
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  • प्रणब दा के निधन पर शिवराज
  • कमल नाथ ने शोक जताया

भोपाल, 1 सितंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ व दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेताओं ने दुख व्यक्त करते हुए उनके संसदीय ज्ञान और अनुभव को याद किया।

शिवराज ने कहा कि मुखर्जी ऐसे नेता थे, जिन्होंने सदैव दलगत राजनीति से ऊपर अपने देश को रखा। उनकी विद्वता, राष्ट्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धता, विषयों पर उनकी पकड़ और विलक्षण बुद्धि उन्हें सबसे हटकर राजनेता बनाती थी। अपने विचारों को पूरी दृढ़ता से रखते थे। देश के विकास में उनका अतुलनीय योगदान है।

मुख्यमंत्री चौहान ने मुखर्जी के वित्तमंत्री के काल को याद करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में फसल को नुकसान हुआ था, उस समय मुख्यमंत्री के नाते उनकी मुखर्जी से मुलाकात हुई थी। फसल के पाला नुकसान को प्राकृतिक आपदा में नहीं माना जाता था, वे नेता मुखर्जी थे जिनके नेतृत्व में मंत्रियों का समूह बना था और पाला को भी प्राकृतिक आपदा में शामिल किया गया था और मध्यप्रदेश को राहत मिली थी।

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन की बेहद दुखद खबर प्राप्त हुई। मुखर्जी के साथ लंबे समय तक कार्य करने का अवसर मिला। एक कुशल राजनीतिज्ञ, सरल व्यक्तित्व के धनी होकर दूरदृष्टि रखने वाले और पक्के इरादों वाले व्यक्ति थे। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति के समान है। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान व पीछे परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अपनी शोक संवेदना में कहा कि भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन से मन व्यथित है। उन्होंने देश को एक नई दिशा दी। देश के लिए उनका योगदान अतुलनीय है और यह क्षति कभी पूरी नहीं हो सकती। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार संबल प्रदान करें।

उन्होंने आगे कहा कि वे प्रतिदिन अपनी डायरी लिखते थे और अपने जीवन के संस्मरण उन्होंने अपनी जीवनी में लिखे थे, जिसका आखिरी संस्करण लिख रहे थे। भारत के इतिहास में उनका नाम सदैव रहेगा। उन्हें सादर नमन व श्रद्घांजलि। परिवार जनों को संवेदनाएं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

एसएनपी/एसजीके

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