सिनेमाघरों में राष्ट्रगान : मोदी सरकार के यू-टर्न पर शिवसेना ने ऐसे ली चुटकी
सिनेमाघरों में राष्ट्रगान : मोदी सरकार के यू-टर्न पर शिवसेना ने ऐसे ली चुटकी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिनेमा हॉल में फिल्म से पहले राष्ट्रगान की अनिवार्यता को खत्म करने के आदेश के बाद शिवसेना ने बीजेपी पर हमला बोला है। शिवसेना ने कहा है कि सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के मामले में मोदी सरकार ने अपने ही फैसले से यू-टर्न लिया है। पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में लिखा गया है कि केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर अपील की थी कि फिलहाल राष्ट्रगान को सिनेमाघरों में अनिवार्य न किया जाए। इसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान को वैकल्पिक करार दिया है।
शिवसेना ने राष्ट्रगान पर सरकार के रूख को कायरतापूर्ण बताते हुए कहा है कि राष्ट्रवाद की परिभाषा हर दिन बदल रही है। संपादकीय में लिखा गया है, "भाजपा सरकार और आरएसएस को राष्ट्रवाद पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए। सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दलील उन लोगों के लिए झटका है जिन्होंने मोदी सरकार में यह रुख अपनाया था कि वंदे मातरम् गाने वाले लोग राष्ट्रवादी हैं और जो नहीं गाते हैं वे देशद्रोही हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा था कि सिनेमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान और उस दौरान खड़ा होना अभी अनिवार्य न किया जाए। केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा था कि सरकार ने इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी बनाई है, जो छह महीने में इस पर सुझाव देगी। इसके बाद सरकार तय करेगी कि सिनेमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान के लिए कोई नोटिफिकेशन या सर्कुलर जारी किया जाए या नहीं। इसके साथ ही सरकार ने कोर्ट में यह भी अपील की थी कि तब तक इस मामले में कोर्ट 30 नवंबर 2016 के अपने आदेश से पहले की स्थिति बहाल कर दें।
सामना में गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर के बीफ बैन पर बयान पर भी हमला बोला गया है। इसमें लिखा गया है कि अभी तक बीजेपी के लोक यह कहते रहते थे कि जो लोग गायों की रक्षा करते हैं वे राष्ट्रवादी है और जो बीफ खाते हैं वे देशद्रोही हैं लेकिन भाजपा शासित गोवा के मुख्यमंत्री ने कल कहा कि राज्य में बीफ पर कोई प्रतिबंध नहीं है।