सुप्रीम ऑडिट संस्थानों ने महामारी प्रबंधन में सुधार के लिए सरकारों की मदद की

सीएजी सुप्रीम ऑडिट संस्थानों ने महामारी प्रबंधन में सुधार के लिए सरकारों की मदद की

IANS News
Update: 2021-10-28 18:30 GMT
सुप्रीम ऑडिट संस्थानों ने महामारी प्रबंधन में सुधार के लिए सरकारों की मदद की

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) जी.सी. मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम ऑडिट संस्थानों (साई) द्वारा कोविड अनुपालन ऑडिट के बाद सरकारों को महामारी प्रबंधन रणनीतियों में सुधार करने में मदद मिली है, जिससे उन्हें मध्यावधि समायोजन करने की अनुमति मिली है।

मुर्मू यहां इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ सुप्रीम ऑडिट इंस्टीट्यूशंस (आईएनटीओएसएआई) की कंप्लायंस ऑडिट उपसमिति (उअर) की 18वीं वर्चुअल वार्षिक बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुर्मू ने एक 3आई दृष्टिकोण - नवाचार, संस्थागतकरण और एकीकरण - नई प्रौद्योगिकियों और डिजिटल नवाचारों को अपनाने, मानकों को संस्थागत बनाने और सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थानों में क्षमता निर्माण की चुनौती को पूरा करने के लिए ऑडिट में तालमेल तलाशने की रूपरेखा तैयार की। उन्होंने सार्वजनिक जवाबदेही और पारदर्शिता में सुधार करके मजबूत और स्थिर संस्थानों के निर्माण में अनुपालन लेखा परीक्षा की भूमिका पर भी जोर दिया।

मुर्मू ने सीएएस के अध्यक्ष के रूप में अपनी क्षमता में सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं की निगरानी और निगरानी के माध्यम से सार्वजनिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में अनुपालन लेखा परीक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, नियमों और विनियमों का अनुपालन मजबूत और स्थिर संस्थानों, नीतियों और कार्यक्रमों के कुशल व प्रभावी कार्यान्वयन और समग्र शासन के लिए एक आवश्यक पूर्व-आवश्यकता है।

उन्होंने उल्लेख किया कि यह सर्वोच्च लेखापरीक्षा संस्थानों के लिए भी बदली हुई परिस्थितियों में ऑडिट करने में अपनी रणनीतियों और कार्यप्रणाली पर फिर से विचार करने का अवसर था, विशेष रूप से ऑडिट के सभी क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन द्वारा निभाई गई भूमिका के संदर्भ में।

मुर्मू ने बदले हुए वातावरण को संभालने और सरकारों का समर्थन करने में साई द्वारा प्रदर्शित लचीलापन और इंटोसाई विकास पहल और अन्य इंटोसाई अंगों द्वारा उत्कृष्ट प्रयासों की सराहना की, जो ऑडिटिंग समुदाय का समर्थन करने के लिए मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करने के लिए आगे आए।

बैठक में 2020-21 के दौरान सीएएस के सदस्यों द्वारा किए गए कार्यो पर चर्चा की गई। हंगरी, अजरबैजान और भारत के सर्वोच्च लेखा परीक्षा संस्थानों ने कोविड के बाद के लेखा परीक्षा प्रयासों पर देश के कागजात प्रस्तुत किए। बैठक में 2022-23 की अगली कार्य योजना में शामिल की जाने वाली गतिविधियों पर चर्चा हुई।

अनुपालन लेखा परीक्षा उपसमिति (सीएएस) इंटोसाई की व्यावसायिक मानक समिति (पीएससी) के तहत तीन उपसमितियों में से एक है। यह 2004 में बुडापेस्ट में स्थापित किया गया था, जिसमें अनुपालन ऑडिट की योजना, निष्पादन और रिपोर्ट करने के साथ-साथ अनुपालन ऑडिट पर आईएनटीओएसएआई के दिशानिर्देशों को विकसित करने के बारे में व्यावहारिक मार्गदर्शन देने का आदेश दिया गया था।

साई इंडिया ने नवंबर 2016 में साई नॉर्वे से सीएएस की अध्यक्षता संभाली। सीएएस में 20 सदस्य और दो पर्यवेक्षक हैं। उपसमिति की सालाना बैठक होती है और बैठक की मेजबानी एसएआई के एक सदस्य द्वारा की जाती है।

(आईएएनएस)

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