तमिलनाडु में शुरु हुआ वैक्सीन की दूसरी खुराक के लिए डोर टू डोर अभियान

डोर-टू-डोर कैंपेन तमिलनाडु में शुरु हुआ वैक्सीन की दूसरी खुराक के लिए डोर टू डोर अभियान

IANS News
Update: 2021-11-06 08:30 GMT
तमिलनाडु में शुरु हुआ वैक्सीन की दूसरी खुराक के लिए डोर टू डोर अभियान
हाईलाइट
  • राज्य में करीब 65 लाख लोगों को दी जाएगी दूसरी खुराक

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने उन लोगों की जांच के लिए घर-घर जाकर अभियान शुरू किया है, जिन्होंने अनिवार्य पात्रता अवधि पूरी करने के बाद भी कोविड-19 के टीके की दूसरी खुराक नहीं ली है। विभाग के मुताबिक राज्य में करीब 65 लाख लोग दूसरी खुराक के लिए पात्र हैं। विभाग घर-घर जाकर जागरूकता फैलाने और टीका लगाए जाने वाले व्यक्तियों की जांच करने के उद्देश्य से मोबाइल टीकाकरण क्लीनिक की सेवाओं का उपयोग कर रहा है।

तमिलनाडु ने पहले ही अपनी पात्र आबादी के 71 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली खुराक से टीका लगाया है, लेकिन केवल 31 प्रतिशत ने ही अपनी दूसरी खुराक ली है। नीलगिरी (58 फीसदी) और चेन्नई (50 फीसदी) को छोड़कर, राज्य के किसी अन्य जिले ने वैक्सीन की दूसरी खुराक के संबंध में 50 फीसदी का आंकड़ा नहीं छुआ है। जन स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा निदेशालय ने कहा कि 50,44,862 व्यक्ति कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी खुराक के लिए और 14,11,437 लोग कोवैक्सीन के लिए पात्र हैं।

विभाग ने जिला स्तर पर दूसरी खुराक के लिए पात्र लोगों की सूची पहले ही तैयार कर ली है और इसमें देरी करने वालों तक स्वास्थ्य टीमें पहुंच रही हैं। स्वास्थ्य विभाग उन लोगों पर भी ध्यान दे रहे हैं, जिन्होंने अभी तक वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली है। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री, मा सुब्रमण्यम ने आईएएनएस को बताया, कोविड-19 के नए मामलों की संख्या में भारी गिरावट के बाद, लोगों में दूसरी खुराक में देरी की है और यह स्वीकार्य नहीं है। हमने जांच के लिए मोबाइल वॉलेंटियर्स की प्रतिनियुक्ति की है।

तमिलनाडु के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर डॉ. सुचित्रा वी. मेनन ने आईएएनएस को बताया, दूसरी बिमारी से पीड़ित लोग और जिनका लीवर ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट आदि अंग ट्रांसप्लांट हुआ है, उन्हें बूस्टर खुराक की आवश्यकता होगी और आपको उन्हें दूसरी खुराक के बिना बूस्टर खुराक लेने के लिए नहीं कहा जा सकता है और इसलिए लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए कि दूसरी खुराक के टीके पहली खुराक की तरह ही महत्वपूर्ण हैं।

(आईएएनएस)

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