#GST पर सरकार की बड़ी राहत, 19 सेवाओं पर घटेगा टैक्स

#GST पर सरकार की बड़ी राहत, 19 सेवाओं पर घटेगा टैक्स

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-06 08:03 GMT
#GST पर सरकार की बड़ी राहत, 19 सेवाओं पर घटेगा टैक्स

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। देश में नई टैक्स प्रणाली GST लागू होने के बाद कई सेक्टर्स में इसका विरोध किया गया। अब GST काउंसिल  ने उन विरोध और बदलाव की मांगों पर मानते हुए राहत देने का फैसला किया है। GST काउंसिल ने शनिवार को 19 सेवाओं की टैक्स दरें बदल दीं। इनमें टेक्सटाइल सेक्टर में मौजूदा जॉब वर्क रेट को 18% से घटाकर 5% करना भी शामिल है।

काउंसिल ने हर तरह के कपड़े पर होने वाले सभी काम पर लगने वाले टैक्स की दर घटाई है। दरअसल, GST के बाद से ही टेक्सटाइल इंडस्ट्री कढ़ाई, बुनाई, रंगाई, छपाई, धुलाई, सिलाई, आयरन समेत कपड़ों से जुड़े अन्य सभी कामों पर टैक्स की दर घटाने की मांग कर रही थी।जिस पर ध्यान देते हुए काउंसिल ने ये कदम उठाया है।

नहीं होगा कोई चेक पोस्ट

दिल्ली में आयोजित अपनी 20वीं बैठक में जीएसटी काउंसिल ने ई-वे बिल के नियमों को भी मंजूरी दे दी ताकि सामानों की ढुलाई और सहज हो। नियमों में साफ किया गया है कि अगर 50,000 रुपए से ज्यादा कीमत का वस्तु बिक्री के लिए 10 कि.मी. से ज्यादा दूरी तक ले जाया जाता है तो पहले उसका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। लेकिन ये नियम उन वस्तुओं पर लागू नहीं होगा जिनपर GST नहीं लग रहा है। ई-वे नियम 1 अक्टूबर से लागू हो सकता है। इससे इंस्पेक्टर राज का खात्मा हो जाएगा क्योंकि बड़े पैमाने पर इसकी प्रक्रिया तकनीक पर आधारित होगी। जेटली ने मीटिंग के बाद कहा "काउंसिल ने पूरे देश में ई-वे बिल लागू करने का फैसला किया है। एक भी चकेपोस्ट नहीं होगा और पूरी प्रक्रिया तकनीकी आधारित होगी।" 

खेती में काम आने वाले विभिन्न उपकरणों को सस्ता करने के लिए काउंसिल ने ट्रैक्टर के कुछ पार्ट्स पर भी जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% करने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही सरकारी कार्य अनुबंधों में भी इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा के साथ 12% की दर से जीएसटी लगाया जाएगा। काउंसिल ने 15 दिन के भीतर मुनाफाखोरी-रोधी उपायों और जांच समिति बनाने को भी सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी। ये समिति इस पर गौर करेगी कि GST दर में कमी किए जाने के बावजूद इसका लाभ उपभोक्ता तक पहुंचाया जा रहा है या नहीं।

अगली बैठक बैठक में लंबित मुद्दों पर होगी चर्चा 

जीएसटी परिषद की अगली बैठक 9 सितंबर को हैदराबाद में होगी,जिसमें अन्य लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में चावल मिलों के जैसे मुद्दे पर विचार किया जा सकता है। चावल मिलें अपने ब्रांड का पंजीकरण रद्द करवा रहीं हैं ताकि वह जीएसटी के तहत कर से बच सकें। दरअसल जीएसटी के तहत बिना ब्रांड वाले खाद्य उत्पादों को छूट मिली है जबकि ब्रांड और पैकिंग वाले खाद्य उत्पादों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।
 

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