बाढ़ से बेहाल उत्तर भारत.. लेकिन पूरे देश में अब भी 5% कम है बारिश

बाढ़ से बेहाल उत्तर भारत.. लेकिन पूरे देश में अब भी 5% कम है बारिश

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-19 02:51 GMT
बाढ़ से बेहाल उत्तर भारत.. लेकिन पूरे देश में अब भी 5% कम है बारिश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक तरफ जहां उत्तरप्रदेश, बिहार, असम और बंगाल में बाढ़ के हालात हैं और लोग ज्यादा बारिश की वजह से रिलीफ कैंपों में रहने को मजबूर हैं, वहीं दूसरी तरफ देश के कई हिस्सों में अभी भी लोग बारिश के लिए तरस रहे हैं। खासकर, सेंट्रल इंडिया यानी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उसके आसपास के इलाकों में अगस्त महीने में 24% से भी कम बारिश हुई है, जिस वजह से कई इलाकों में सूखे की स्थिति बन रही है। अगस्त के महीने में मध्य भारत में 58% और नॉर्थवेस्ट में 37% कम बारिश हुई है। तो भले ही देश के कई हिस्सों में बाढ़ के हालात हैं, लेकिन देखा जाए तो अभी भी देश में 5% कम बारिश हुई है। 

अगले हफ्ते से हो सकती है बारिश

मौसम विभाग के प्रमुख डी. शिवानंद पाई का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर होने की वजह से अगले हफ्ते तक अच्छे मॉनसून होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि मैडन जूलियन ऑसिलेशन पूर्वी हिंद महासागर में एक्टिव था, जिसकी वजह से वहां पर कम बारिश हुई। जिसने मौसम में गड़बड़ी पैदा कर दी और जुलाई में होने वाली बारिश को रोक दिया। उन्होंने बताया कि अब हिंद महासागर में थोड़ी हलचल हो रही है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि मॉनसून एक बार फिर दस्तक देने वाला है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सेंट्रल इंडिया और साउथ इंडिया में बारिश होने का अनुमान है, लेकिन नॉर्थ इंडिया में अभी अच्छे हालात होने की उम्मीद नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि तीन हफ्ते से बारिश नहीं होने की वजह से कम से कम 20% की कमी दिखाई दे रही है। जिनमें हरियाणा, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, पूर्वी और पश्चिम मध्यप्रदेश, मराठवाड़ा, विदर्भ, कर्नाटक और केरल शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत के कई हिस्सों में या तो ज्यादा बारिश हुई है या फिर सामान्य रही है। 

क्या है बाढ़ का कारण? 

डी. शिवानंद पाई ने बाढ़ का कारण बताते हुए कहा कि आमतौर पर अगस्त में मॉनसून कम एक्टिव रहा लेकिन पूर्वोत्तर भारत और हिमालयी क्षेत्रों में अगस्त की शुरुआत में काफी बारिश हुई जिससे नदियां उफन गई और बाढ़ का कारण बनी। उन्होंने बताया कि अगस्त के पहले पखवाड़े में पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 48% ज्यादा बारिश हो गई, जो दूसरे पखवाड़े में कम होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि जुलाई महीने में दक्षिण भारत सूखे की कगार पर था, लेकिन अगस्त महीने में वहां अच्छी बारिश हुई।

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