गंगापुत्र अग्रवाल का PM मोदी को आखिरी खत, आपसे बहुत उम्मीदें थी

गंगापुत्र अग्रवाल का PM मोदी को आखिरी खत, आपसे बहुत उम्मीदें थी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-12 07:35 GMT
गंगापुत्र अग्रवाल का PM मोदी को आखिरी खत, आपसे बहुत उम्मीदें थी
हाईलाइट
  • अग्रवाल को स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के नाम से जाना जाता था
  • गुरुवार को ऋषिकेश के AIMS में हुआ था निधन
  • विश्वास के सहारे किया चार साल इंतजार: अग्रवाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गंगा को अविरल बनाने की मांग पर अनशन कर रहे प्रोफेसर जीडी अग्रवाल का गुरुवार को ऋषिकेश के AIMS अस्पताल में निधन हो गया। अब उनका वह तीसरा खत सामने आया है, जो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 30 अगस्त को लिखा था। उन्होंने लिखा था कि नरेंद्र मोदी आपसे बहुत उम्मीदें थीं कि आप गंगाजी के बारे में कुछ सोचेंगे, इसलिए भी क्योंकि आपने 2014 चुनावों के दौरान बनारस में कहा था कि आपको मां गंगा ने बुलाया है। उस पल मुझे विश्वास हो गया था कि शायद आप गंगाजी के लिए कुछ सार्थक करेंगे। इस विश्वास के सहारे ही मैंने 4 साल तक इंतजार किया। बता दें कि प्रोफेसर अग्रवाल ने मंगलवार से जल भी त्याग दिया था, जिसके बाद उन्हें एम्स में जबरन उठाकर भर्ती करा दिया गया था। इसके पहले वो 111 दिन से अनशन पर थे। प्रोफेसर जीडी अग्रवाल ने अपनी पूरी जिंदगी गंगा की अविरलता के लिए समर्पित कर दी, उन्हें स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के नाम से भी जाना जाता था। 


 
आखिरी खत में ये लिखा था प्रोफेसर अग्रवाल ने


सेवा में,

श्री नरेंद्र भाई मोदीजी, आदरणीय प्रधानमंत्री, भारत सरकार, नई दिल्ली

आदरणीय प्रधानमंत्री,

गंगाजी के संबंध में कई मामलों पर अतीत में मैंने आपको कुछ पत्र लिखे थे। अब तक मुझे आपकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मैं पहले भी कई बार गंगाजी के हित के लिए अनशन कर चुका हूं। आपने गंगाजी के लिए अलग मंत्रालय भी बना दिया, लेकिन पिछले साढ़े चार सालों में आपके कार्यों से गंगाजी की जगह व्यावसायिक घरानों को लाभ मिला। आपने अब तक गंगाजी से सिर्फ लाभ कमाया है। आप उन्हें कुछ नहीं दे रहे हैं। 

केंद्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती जी 3.08.2018 को मुझसे मिलने आईं थीं। उन्होंने नितिन गडकरी जी से फोन पर मेरी बात भी कराई थी। लेकिन आपसे प्रतिक्रिया की उम्मीद होने के कारण मैंने उमा जी को जवाब नहीं दिया। आपसे अनुरोध है कि चार आवश्यकताओं को स्वीकार करें, जिसका उल्लेख मैंने 13 जून 2018 को आपको लिखे पत्र में किया है। आप असफल रहे तो अनशन जारी रखते हुए मैं अपने प्राण त्याद दूंगा। मेरे लिए गंगाजी का मुद्दा बहुत जरूरी है, इसलिए मुझे अपना जीवन त्यागने में भी हिचक नहीं होगी। 


गंगाजी पर बने सरकारी संगठनों, केंद्रीय प्रदूषय नियंत्रण बोर्ड के साथ ही मैं आईआईटी में प्रोफेसर भी रहा हूं। इन अनुभवों के आधार पर कह सकता हूं कि गंगाजी के लिए आपकी सरकार के प्रयास काफी नहीं हैं। मेरा आपसे अनुरोध है कि निम्न कार्यों को स्वीकार कर क्रियान्वित किया जाए। यह चिट्ठी में उमाजी के जरिए भेज रहा हूं।

आपका

स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद

(पूर्व में प्रो. जी.डी. अग्रवाल)

 

राहुल गांधी ने किया ट्वीट

 

 

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