आज हो सकता है किसान और सरकार के बीच आंदोलन खत्म करने का समझौता

सरकार के प्रस्तावों पर अटके किसान आंदोलन आज हो सकता है किसान और सरकार के बीच आंदोलन खत्म करने का समझौता

ANAND VANI
Update: 2021-12-08 04:05 GMT
आज हो सकता है किसान और सरकार के बीच आंदोलन खत्म करने का समझौता
हाईलाइट
  • किसानों का अगला कदम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान और केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों की संसदीय प्रक्रिया से रद्द होने के बाद भी  किसानों का आंदोलन जारी है। किसान आंदोलन में किसी भी तरह से धैर्य की कमी  नजर नहीं आई। किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा और सरकार के बीच जल्द समझौता हो सकता है। किसानों की मांगों को लेकर आज का दिन किसानों के आंदोलन और मोदी सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं।  दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्र सरकार के बीच आज दोपहर 2 बजे बैठक होने जा रही है। मंगलवार को किसान संगठन ने कहा कि उसने आंदोलन को समाप्त करने का अनुरोध करने वाले केंद्र सरकार के प्रस्ताव का जवाब दिया है जिसमें कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।  संगठन ने कहा कि उसने किसानों पर दर्ज  मामले वापस लेने के लिये आंदोलन समाप्त करने की सरकार की पूर्व शर्त पर भी स्पष्टीकरण मांगा है। 

मंगलवार को मोर्चा की अहम बैठक शुरू होने से ठीक पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से 6 सूत्रीय प्रस्ताव लेकर आए प्रतिनिधिमंडल ने मोर्चा कमेटी के सभी 5 सदस्यों से गुप्त बैठक की। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में एसकेएम ने लखीमपुर खीरी प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी की मांग को रखा था। किसान नेताओं के अनुसार सरकार के प्रस्ताव में कहा गया है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग पर एक समिति का गठन करेगी और इस समिति में एसकेएम के बाहर के किसान संगठन, सरकारी अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। 

एसकेएम कमेटी में शामिल सदस्यों ने सरकार पर नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाते हुए कड़े तेवर दिखाए थे और मंगलवार को होने वाली मोर्चा की बैठक में दिल्ली कूच जैसे कार्यक्रमों का फैसला लेने के संकेत दिए थे। सरकार ने लिखित प्रस्ताव भेजकर अच्छी पहल की है। अब लगता है कि जल्द ही सभी मुद्दों पर सहमति होने की संभावना है। 

मंगलवार की बैठक के बाद कमेटी के सदस्यों ने मोर्चा की बैठक में सभी प्रस्ताव  रखे।  प्रस्तावों में से तीन बिंदुओं पर किसान नेताओं ने सवाल खड़े किए। उन्होंने सरकार से बुधवार तक स्पष्टीकरण मांगा है। बुधवार को सरकार के जवाब का इंतजार किया जाएगा और दोपहर दो बजे फिर से मोर्चा की बैठक कर आगामी निर्णय लिया । अब आंदोलन का समाधान सरकार के जवाब पर निर्भर है। 

आपको बता दें इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सदन में एमएसपी से लेकर किसानों को मुआवजे तक के मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधते हुए संसद में सरकार के सामने एक सूची पेश कर दी कि इस सूची में आंदोलन के दौरान कितने किसानों की जान गई इसक बारे में बताया गया है। राहुल गांधी ने सूची को पेश करते हुए कहा सदन में कृषि मंत्री ने कहा कि उनके पास किसान आंदोलन में मारे गए किसानों का कोई आंकड़ा नहीं है। हमने इसके बारे में पता लगाया। पंजाब की सरकार ने तकरीबन 400 किसानों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है और 152 किसानों को रोजगार दिया है। ये लिस्ट मेरे पास है जो मैं सदन के सामने रख रहा हूं।

 

 

 

 

 






 

 

 

 

 

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