बिहार में शराबबंदी के बावजूद सरकारी दफ्तर में शराब पीते पकड़े गए दो अफसर, सस्पेंड

बिहार में शराबबंदी के बावजूद सरकारी दफ्तर में शराब पीते पकड़े गए दो अफसर, सस्पेंड

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-07 11:39 GMT
बिहार में शराबबंदी के बावजूद सरकारी दफ्तर में शराब पीते पकड़े गए दो अफसर, सस्पेंड

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में शराबबंदी के बाद भी अक्सर शराब का सेवन करने वाले या इसे बेचने वाले पकड़े जाते हैं। विपक्ष का यहां तक आरोप है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा शराबबंदी करने के बावजूद इसकी होम डिलीवरी होती है। जिसकी जानकारी खुद सीएम को भी है। हाल का मामला बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का है। जहां एक सरकारी दफ्तर में दो सरकारी कर्मचारियों को शराब पीते गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी रमण कुमार सोमवार को मोतिहारी अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इसी दौरान एक कमरे में दो कर्मचारी शराब पीते पकड़े गए। इन दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

जिलाधिकारी ने राजस्व कर्मचारी हारून रशीद और चपरासी भोला राम को तत्काल निलंबित करने का निर्देश दिया। जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गौरतलब है कि बिहार में अप्रैल 2016 में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिसके बाद से शराब तस्करी के लिए एक से एक नए तरीके इजाद किए जा रहे हैं। रोज शराब तस्करी की नई ख़बरें आती रहती हैं।

मुजफ्फरपुर जिले के कटरा थाना क्षेत्र से पुलिस ने रविवार को एक तालाब से 1,771 शराब की बोतलें बरामद कीं। कटरा के थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि धनौर गांव में एक तालाब के अंदर छिपाकर बड़ी संख्या में शराब की बोतलें रखी गई हैं। पुलिस ने रविवार की देर शाम तालाब में ग्रामीणों और मछली पकड़ने वाले जाल की मदद से 1,771 शराब की बोतलें जब्त की। इन बोतलों से करीब 560 लीटर शराब मिली है। इस मामले को लेकर कटरा थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिसमें आठ लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

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