लद्दाख में राजनाथ सिंह ने पूछा- पाकिस्तान बताए कश्मीर कब उसका था ?

लद्दाख में राजनाथ सिंह ने पूछा- पाकिस्तान बताए कश्मीर कब उसका था ?

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-29 04:00 GMT
हाईलाइट
  • 26वें लद्दाखी किसान
  • जवान
  • विज्ञान मेले का किया उद्घाटन
  • भारत-पाक और भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा स्थितियों को लेंगे जायजा
  • लद्दाख दौरे पर पहुंचे केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज (गुरुवार) सुरक्षा हालात का जायजा लेने के लिए लद्दाख के लेह पहुंचे। इस दौरान रक्षामंत्री सिंह ने स्थानीय लोगों के साथ जवानों को संबोधित करते हुए कहा, ""मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं, कश्मीर कब पाकिस्तान का था कि उसको लेकर रोते रहते हो ? पाकिस्तान बन गया तो हम आपके वाजूद का सम्मान करते हैं। पाकिस्तान का इस मामले में कोई स्थान नहीं है"

राजनाथ सिंह ने कश्मीर को लेकर कहा, कश्मीर हमारा रहा है इस बात पर इस देश में कभी शक शुबहा नही रहा है। सच्चाई यह है कि POK और गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान अवैध क़ब्ज़ा बनाया हुआ है।पाकिस्तान को PoK के नागरिकों के मानवाधिकारों के हनन पर ध्यान देना चाहिए। मैं पाकिस्तान से फिर पूछना चाहता हूं कि कश्मीर पाकिस्तान के पास था कब? और पाकिस्तान भी तो इसी भारत से निकल कर बना है। हम पाकिस्तान के वजूद का सम्मान करते हैं इसका अर्थ यह नहीं है कि वह कश्मीर को लेकर कोई लगातार बयानबाजी करता रहेगा।

पाकिस्तान का कश्मीर में कोई Locus Standi  नहीं है। जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरे  POK पर उसने ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़ा जमाया हुआ है। हमारे देश की संसद ने फ़रवरी 1994 को एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया जिसमें भारत की  स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी गयी है।

राजनाथ सिंह ने कहा, जब लद्दाख को हमने संसद में कानून बनाकर अलग UT बनाया तो हमने यहां की जनभावना का तो सम्मान किया ही साथ ही समस्याओं का समाधान भी दिया है। हमारे प्रधानमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि भारत के Strategic Areas  के लिए हम Localised Solution लेकर आयेंगे। सिंह ने कहा, आज यहां लद्दाख़ के किसान आये हैं, देश की सुरक्षा में लगे जवान मौजूद हैं और इन दोनों को सहयोग करने वाला जो विज्ञान है उससे जुड़े वैज्ञानिक भी यहां मौजूद है। इस मेले से  ‘जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान’ थीम जुड़ी है।

सभी को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, DIHAR के वैज्ञानिक High Altitude Survival का एक ऐसा Model विकसित करें जिसमें हमारे देश की सेना में और अधिक ताकत और कूवत पैदा हो जाये जो कठोरतम परिस्थितियों में भी जवानों का मनोबल डिगने न दे। भारतीय सेना High Altitude Warfare में दुनिया की किसी भी फौज को पीछे छोड़ने में सक्षम है। DIHAR का Mandate है High Altitude पर Better and Fitter Survival  कैसे हो इसका समाधान देना। इस DIHAR Lab की नींव 1962 में रखी गई थी जब हमारे देश ने अनुभव किया कि हमारे सैनिकों की High Altitude  पर लड़ने की ताकत बहुत मजबूत होनी चाहिए।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद राजनाथ का ये पहला लद्दाख दौरा है। राजनाथ सिंह ने अपने दौरे की शुरूआत लेह में डीआरडीओ के 26वें लद्दाखी किसान, जवान, विज्ञान मेले का उद्घाटन करने के साथ की। मेले के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है कि डीआरडीओ को डिफेंस इंस्टीट्यूट आफ हाई अल्टीच्यूड एंड रिसर्च (दिहार) क्षेत्र में सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए लद्दाख में लोगों को कृषि, बागवानी के लिए कैसे बढ़ावा दे रहा है। 

मेले का उद्घाटन के करने के बाद मंत्री राजनाथ यहां पाकिस्तान-चीन से लगती सीमा के मौजूदा हालात के बारे में जानकारी लेंगे। इस दौरान रक्षामंत्री स्थानीय लोगों व सैन्य अधिकारियों से मिलेंगे और मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा रक्षामंत्री सिंह दिहार के कार्यालय में भी जाएंगे।

बता दें राजनाथ सिंह का ये दौरा ऐसे समय में होने जा रहा है जब चीन ने भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को केंद्र शासित घोषित करने का विरोध जताया था। चीन एक मात्र देश है जो विश्वस्तर पर कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का साथ देता नजर आया है। हालांकि की चीन के विरोध के बाद चीन से जुड़ी सीमाओं पर सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती मजबूत कर दी गई है। 

 

 

 

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