यूपी बन रहा है केंद्र का पावर सेंटर

यूपी बन रहा है केंद्र का पावर सेंटर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-20 13:12 GMT
यूपी बन रहा है केंद्र का पावर सेंटर

टीम डिजिटल, नई दिल्ली. भारत की वर्तमान राजनीति के समीकरणों को देखा जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यूपी अब देश का पावर सेंटर बनता जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी के बनारस सीट से चुनाव जीतकर पीएम बने हैं, तो वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी राजनीति में पावरफुल हैं. अब कानपुर से ताल्लुक रखने वाले रामनाथ कोविंद का राष्ट्रपति बनना लगभग तय हो गया. यह पहली बार होगा कि देश के पीएम और राष्ट्रपति दोनों ही यूपी से ताल्लुक रखते हों.

यूपी को देश की राजनीति में तखता पलट करने वाला राज्य भी कहा जाता है. वो इसलिए क्योंकि जनसंख्या के आधार पर यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है. यहां लोकसभा की 88 सीट और विधानसभा की 403 सीट हैं. जो केंद्र की भी सत्ता पलटने के लिए काफी है.

यूपी की सत्ता देश की सत्ता में अहम भूमिका रखती है. यूपी एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं. लेकिन अब संभव है कि यूपी के रामनाथ कोविंद राज्य से पहले राष्ट्रपति बन जाएं. अगर पीएम की बात की जाए तो नरेंद्र मोदी से पहले जवाहरलाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चौधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी (लखनऊ) प्रधानमंत्री बने हैं. हालांकि लखनऊ में जन्मे मोहम्मद हिदायतुल्लाह 20 जुलाई 1969 से 24 अगस्त 1969 तक कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे हैं.

अगर रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बन जाते हैं तो देश के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि एक ही राज्य से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति होंगे. बता दें कि कोविंद कानपुर में जन्में हैं. वहीं देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्मभूमि तो गुजरात है लेकिन उनका संसदीय क्षेत्र वाराणसी है, यानि कर्मस्थली बनारस है.

रामनाथ कोविंद का जीतना लगभग तय

776 सांसद और 4120 विधायक वोट करेंगे. इनके वोटों का मूल्य 10 लाख 98 हजार 882 है, जबकि जीतने के लिए 5 लाख 49 हजार 442 वोट चाहिए. फिलहाल एनडीए के पास 410 सांसद और 1691 विधायक हैं, जिनके वोटों की कीमत 5 लाख 32 हजार 19 है, जबकि विपक्ष के पास 244 सांसद और 1710 विधायक हैं. जिनके वोटों की कीमत 3 लाख 91 हजार 739 है. वहीं अन्य 122 सांसद और 719 विधायक हैं. उनके वोटों की कीमत 1 लाख 75 हजार 124 है. उक्त समीकरण बताता है कि एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का जीतना लगभग तय है.

कोविंद दलित समाज से आते है. तो दलितों के नाम पर राजनीति करने वाली विपक्षी पार्टियों का समर्थन भी एनडीए को मिल सकता है. अगर कोविंद राष्ट्रपति बनते है तो वो दूसरे दलित होंगे जो देश के प्रथम नागरिक बनेंगे.

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