दिल्ली-एनसीआर की हवा के स्तर में गिरावट जारी, गाजियाबाद में भी हालात खराब

दिल्ली-एनसीआर की हवा के स्तर में गिरावट जारी, गाजियाबाद में भी हालात खराब

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-06 03:39 GMT
दिल्ली-एनसीआर की हवा के स्तर में गिरावट जारी, गाजियाबाद में भी हालात खराब
हाईलाइट
  • गाजियाबाद का एक्यूआई लगातार दूसरे दिन गंभीर श्रेणी में
  • ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 355
  • नोएडा का एक्यूआई स्तर 352
  • दिल्ली-एनसीआर की हवा के स्तर में गिरावट जारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में मौसम खराब होने के कारण हवा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद कम ही है। बुधवार को दिल्ली में हवा गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बहुत खराब तो गाजियाबाद का एक्यूआई लगातार दूसरे दिन गंभीर श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब श्रेणी दर्शा रहा है। इससे पहला सीपीसीबी ने मंगलवार को ही दिल्ली-एनसीआर की संबंधित एजेंसियों को बहुत खराब वायु गुणवत्ता में सुधार करने की कोशिशों को तेज करने के लिए कहा था। 

बुधवार को ये रहा हवा का स्तर
सीपीसीबी की ओर से बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार दिल्ली का एक्यूआई 331, यूपी के बुलंदशहर का एक्यूआई 392, गाजियाबाद का एक्यूआई 406 दर्ज किया गया है। 401 से 500 का एक्यूआई स्तर गंभीर वायु प्रदूषण को दर्शाता है। वहीं, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 355, नोएडा का एक्यूआई स्तर 352 रिकार्ड किया गया है। गुरुग्राम का एक्यूआई स्तर 231 रहा है। 

हेल्थ एडवाइजरी जारी
सीपीसीबी द्वारा जारी वायु गुणवत्ता का यह स्तर शाम चार बजे तक 24 घंटे का औसत स्तर है। सीपीसीबी के अनुसार, 0-50 का एक्यूआई बहुत अच्छी हवा, 51 से 100 का एक्यूआई संतोषजनक, 101 से 200 का स्तर मध्यम श्रेणी, 201 से 300 का स्तर खराब, 301 से 400 का स्तर बहुत खराब, 401 से 500 का स्तर गंभीर श्रेणी को दर्शाता है। सीपीसीबी ने हेल्थ एडवाइजरी जारी करते हुए चेतावनी दी है कि लगातार बहुत खराब गुणवत्ता के प्रभाव में रहने पर श्वास रोग संबंधी मरीजों के साथ आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

पीएम कण आपात स्तर की ओर
दिल्ली-एनसीआर की फिजा में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 और 10 की मौजूदगी आपात स्तर के पास पहुंच गई है। मंगलवार रात आठ बजे पीएम 2.5 का स्तर जहां 181 रहा, वहीं पीएम 10 का स्तर 349 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया गया। पीएम 10 हवा में मौजूद मोटे प्रदूषण कण हैं, जबकि पीएम 2.5 बेहद महीन और आंखों से न दिखने वाले प्रदूषण कण हैं। पीएम 10 का सामान्य स्तर 100 और पीएम 2.5 का सामान्य स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होता है। इस समया दिल्ली की हवा में दोनों कण अपने सामान्य मानक से करीब चार गुना तक ज्यादा हैं। 

 

 

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