#bihar : 'नीतीश के इस्तीफे' की स्क्रिप्ट आखिर लिखी किसने ? , जानिए

#bihar : 'नीतीश के इस्तीफे' की स्क्रिप्ट आखिर लिखी किसने ? , जानिए

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-27 03:23 GMT
#bihar : 'नीतीश के इस्तीफे' की स्क्रिप्ट आखिर लिखी किसने ? , जानिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसदीय बोर्ड बैठक में से तेजस्वी के इस्तीफे बिहार के सीएम नीतीश कुमार के इस्तीफे ने पूरे देश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। बीजेपी की नई रणनीति ने एनडीए को और मजबूत बना दिया है। हर किसी की जबान पर यही है कि इस्तीफे की स्क्रिप्ट पहले ही लिख ली गई थी। इस इस्तीफे के मायने आगामी लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखे जा रहे हैं, क्योंकि नीतीश ने भी उसी को साधने के लिए यह किया है।  संसदीय बोर्ड की बैठक गुजरात-मध्यप्रदेश की दो राज्यसभा सीटों और एक अन्य सीट पर फैसला होना था, लेकिन बैठक से पहले नीतीश के इस्तीफे ने खलबली मचा दी और बैठक में नीतीश का मुद्दा छाया रहा।

बिहार में राजनीतिक हलचल ज्यादा ही तेज थी इसलिए सबसे पहले बिहार पर पार्टी ने अपना रुख साफ किया। संसदीय बोर्ड की बैठक के बीच में बीजेपी की प्रेस ब्रीफिंग हुई। केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने कहा कि बीजेपी मध्यावधि चुनाव नहीं चाहती और बिहार के राजनीतिक हालात को परखने के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसके साथ ही बीजेपी ने ये साफ कर दिया कि वो नीतीश का साथ देगी।

नीतीश का इस्तीफा केंद्र के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बहुतमत से NDA की सरकार सत्ता में पैर जमा तो चुकी है, लेकिन राज्यसभा में अभी भी कमजोर हैं। ऐसे में नीतीश का इस्तीफा NDA को राज्यसभा में भी मजबूती देगा। राज्यसभा में NDA के कुल 74 मेंबर्स हैं और जेडीयू के दस और अब एनडीए के पास कुल मिलाकर 84 मेंबर्स हो जाएंगे।

बिहार में बीजेपी का पलड़ा फिर भारी 

नीतीश के इस्तीफे से राजनीति गर्माई तो बीजेपी ने अपने हाथ सेंकने शुरू कर दिए और इस्तीफे के तुरंत बाद पीएम मोदी ने नीतीश को ट्वीट कर बधाई दी। वहीं बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने कहा है कि पार्टी सरकार बनाने के लिए नीतीश को बिना शर्त समर्थन देने के लिए तैयार है। ट्वीट और बयान के बाद ये साफ हो गया है कि अब बिहार में गठबंधन से सरकार बनती है तो इसमें नया नाम बीजेपी का रहेगा। बिहार बीजेपी के दिग्गज नेताओं को नीतीश मंत्रिमंडल में जिम्मेदारी दी जा सकती है। चर्चा ये भी है कि बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी को नीतीश सरकार में उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

NDA हुआ और बलवान, ये है गणित 

बिहार में जेडीयू-बीजेपी का गठबंधन का असर केंद्र की राजनीति पर भी पड़ेगा। NDA से अलग होने के बाद से जेडीयू की केंद्र सरकार में भागीदारी नहीं थी, लेकिन अब इस गठबंधन के दोबारा होने के बाद जेडीयू नेताओं को फिर केंद्र सरकार में जगह मिल सकती है। जनता दल यूनाइटेड के कुल 71 विधायक हैं। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के 58 विधायक हैं। इन दोनों को मिलाकर कुल संख्या 129 होती है जो कि बहुमत के लिए पर्याप्त है।

गोपनीय बैठक से बनी सहमति

कल की संसदीय दल की बैठक में नीतीश के मुद्दे ने राज्यसभा सीटों को दबा दिया है। बैठक के बाद मोदी और शाह अकेले में बतियाते रहे। इसकी वजह है कि गुजरात में इस साल होने वाले चुनाव। इस बार अमित शाह को गुजरात से राज्यसभा भेजने के पीछे बीजेपी की रणनीति यही है कि वो गुजरात की जनता में ये अच्छा संदेश दे। करीब आधे घंटे तक दोनों नेताओं के बीच इन्हीं दो मुद्दों को लेकर अहम मंत्रणा हुई। वहीं इस्तीफे के तुरंत बाद बिना किसी देरी किए बीजेपी के सहयोग से नीतीश सरकार बिहार में बने, यही निर्देश उनकी तरफ से पार्टी के आला नेताओं को दिया गया। यही वजह है कि न बोर्ड की बैठक हुई और एक दिन में ही नई सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारी भी हो गई। जिसमें बिहार से बीजेपी के कई केंद्रीय नेताओं का गुरुवार बिहार दौरा शामिल है।

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