गरीबों की जिंदगी मायने रखती है या नहीं : सामूहिक पलायन पर कांग्रेस का सवाल
गरीबों की जिंदगी मायने रखती है या नहीं : सामूहिक पलायन पर कांग्रेस का सवाल
- गरीबों की जिंदगी मायने रखती है या नहीं : सामूहिक पलायन पर कांग्रेस का सवाल
नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)। बड़े शहरों से प्रवासी मजदूरों के बड़े पैमाने पर पैदल चलकर पलायन करने के मामले पर कांग्रेस ने सेामवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस ने सवाल किया कि गरीबों की जिंदगी मायने रखती है या नहीं। कांग्रेस ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ये मजदूर सुरक्षित घर पहुंचें।
कांग्रेस प्रवक्ता और पंजाब के सांसद मनीष तिवारी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को टैग करते हुए एक ट्वीट किया। उसमें उन्होंने कहा, क्या गरीबों का जीवन मायने रखता है? सवाल - सरकार को खुद से यह पूछना चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं तो रेलवे / बसों को शुरू करें और उन्हें घर तक भेजें। उन्हें सड़कों पर जबरदस्ती न रोकें। यदि राज्य में उन्हें खिलाने और शरण देने की क्षमता होती तो वे सड़कों पर नहीं होते। कोशिश करें और उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाएं।
मनीष तिवारी की ये टिप्पणी हजारों प्रवासी कामगार के पैदल ही अपने घर लौटने की घटना के मद्देनजर आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नए कोरोनावायरस का मुकाबला करने के लिए मंगलवार को 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा करने के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों के प्रवासी मजदूर पैदल अपने मूल स्थान पर जा रहे हैं।
रेलवे ने 24 मार्च से 14 अप्रैल तक यात्री ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया है और यहां तक कि अंतरराज्यीय बस सेवाओं को 24 मार्च से देशव्यापी बंद के मद्देनजर निलंबित कर दिया गया है।
सोमवार को भारत में कोविद -19 रोगियों की कुल संख्या बढ़कर 1024 हो गई।