जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया, महिमामंडन बर्दाश्त नहीं: योगी आदित्यनाथ

जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया, महिमामंडन बर्दाश्त नहीं: योगी आदित्यनाथ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-03 17:02 GMT
जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया, महिमामंडन बर्दाश्त नहीं: योगी आदित्यनाथ

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में जिन्ना की तस्वीर को लेकर चल रहे विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान सामने आया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया है और हम किस तरह से उनकी उपलब्धियों का बखान कर सकते हैं। भारत में जिन्ना का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। वहीं योगी ने कहा कि एएमयू मामले को लेकर जांच के आदेश दिए गए है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर एक्शन लिया जाएगा।

यूनिवर्सिटी में हुआ था उग्र प्रदर्शन
योगी आदित्यनाथ का ये बयान बुधवार को AMU में हुए उग्र प्रदर्शन के बाद आया है।  बता दें कि बुधवार को यूनिवर्सिटी परिसर के पास हिंदूवादी संगठनों और तमाम छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान परिसर के बाहर प्रदर्शनकारियों ने जिन्ना का पुतला भी फूंका था। देखते ही देखते ये प्रदर्शन उग्र हो गया और भीड़ बेकाबू हो गई। इस बीच प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस दौरान एक दर्जन से ज्यादा छात्र घायल हो गए थे।

क्या है मामला?
दरअसल BJP सांसद सतीश गौतम और BJP के अन्य नेताओं ने जिन्ना की तस्वीर यूनिवर्सिटी से हटाने का समर्थन किया था। इसे लेकर सतीश गौतम ने एक पत्र भी लिखा था। सतीश गौतम ने कुलपति को लिखे गए पत्र में कहा था कि अगर विश्विद्यालय में किसी की तस्वीर लगानी ही है तो उन्हें महेंद्र प्रताप जैसे महान व्यक्तियों की तस्वीर लगानी चाहिए, जिन्होंने विश्विद्यालय बनाने के लिए अपनी जमीन दान में दी थी। वहीं विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवई ने दशकों से लटकी जिन्ना की तस्वीर का बचाव किया था। किदवई ने तस्वीर लगाने का कारण बताते हुए कहा था कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्यों में शामिल थे और उन्हें छात्रसंघ की आजीवन सदस्यता दी गई थी। हालांकि बुधवार को सफाई का हवाला देते हुए जिन्ना की तस्वीर को हटा दिया गया था।

योगी के मंत्री ने जिन्ना को बताया था महापुरुष
वहीं  योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने जिन्ना को महापुरुष करार दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा था कि, "देश के बंटवारे से पहले जिन्ना का देश में योगदान था। जिन महापुरुषों ने इस राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दिया है, यदि कोई उन पर उंगली उठता है तो यह घटिया बात है।" मौर्या ने कहा कि इस प्रकार का बकवास बयान चाहे उनके पार्टी के सदस्य सांसद-विधायक दें या दूसरे पार्टी के, उनकी राष्ट्र के लोकतंत्र में तनिक भी मान्यता नहीं है। मौर्या ने ऐसा बयान देकर अपनी ही पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया था। 

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