भारत के बजट के बारे में ये 8 बातें नहीं जानते होंगे आप ?

भारत के बजट के बारे में ये 8 बातें नहीं जानते होंगे आप ?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-23 10:11 GMT
भारत के बजट के बारे में ये 8 बातें नहीं जानते होंगे आप ?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को देश का बजट पेश करने वाले हैं। इस बार का बजट मोदी सरकार के लिए बहुत मायने रखता है और इसके दो कारण हैं। पहला तो ये कि जीएसटी लागू होने के बाद ये पहला बजट है और दूसरा ये कि मोदी सरकार का ये आखिरी बजट है। इस बार के बजट में मोदी सरकार आम जनता के साथ-साथ किसानों और युवाओं समेत सभी वर्गों पर फोकस करेगी। बजट से पहले लोगों के मन में सवाल उठते हैं कि बजट कैसा होगा? इस बार कौन सा सामान सस्ता होगा और कौन सा महंगा? हमारे लिए बजट में क्या रहेगा? लेकिन इन सबके बीच हम ऐसी बातें भूल जाते हैं, जो हमें जानना चाहिए। इसलिए आज हम आपको भारत के बजट के बारे में ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आप शायद ही जानते हों।

 


1. ईस्ट इंडिया कंपनी ने पेश किया था पहला बजट

भारत में पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी ने पेश किया था। आजादी से पहले अंग्रेजों के शासन काल में तत्कालीन वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने 7 अप्रैल 1860 को ये बजट पेश किया गया था।

2. पाकिस्तान के पीएम ने पेश किया था भारत का बजट

साल 1946 में भारत का बजट नेहरू की अंतरिम सरकार में वित्त मंत्री लियाकत अली खान ने पेश किया था। ये वही लियाकत अली खान थे, जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने। लियाकल अली खान के इस बजट को "पुअर मैन" नाम दिया गया था और उनके इस बजट को सरदार वल्लभ भाई पटेल समेत कई नेताओं ने "हिंदू विरोधी" भी बताया था। इसकी वजह थी बजट में कठोर टैक्स प्रपोजल। हालांकि कांग्रेस ने इस बजट को "सोशलिस्ट बजट" बताया था। लियाकत अली खान, मुस्लिम लीग में मोहम्मद अली जिन्ना के बाद सबसे बड़े नेता थे।

 



3. मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा 10 बार पेश किया बजट

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम वित्त मंत्री रहते हुए सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। इसके बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 9 बार बजट पेश किया था। भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, यशवंत सिन्हा, वाई बी चव्हाण और सी डी देशमुख 7-7 बार आम बजट पेश कर चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में 6 बजट पेश किए हैं। वहीं देश के चौथे वित्त मंत्री टीटी कृष्णमचारी ने भी 6 बजट पेश किए। जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, चरण सिंह, एनडी तिवारी, मधु दंडवते, एस बी चव्हाण और सचिंद्र चौधरी ने एक-एक बजट पेश किया है। पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के साथ वित्त मंत्री भी रहते हुए बजट पेश किए थे। चरण सिंह ने एक बार और मोरारजी देसाई ने चार मौकों पर उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रहते हुए बजट पेश किया

4. मोरारजी देसाई ने अपने जन्‍मदिन पर पेश किया बजट

पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व वित्‍त मंत्री मोरारजी देसाई का जन्‍मदिन 4 साल बाद आता है यानी उनका जन्‍म 29 फरवरी को हुआ था। इस वित्‍त मंत्री के नाम एक दिलचस्‍प कहानी है। मोरारजी देसाई ने अपने जन्मदिन (29 फरवरी) के दिन दो बार बजट पेश किया था।

5. आजाद भारत का पहला बजट षणमुखम चेट्टी ने पेश किया

आजाद भारत में पंडित जवाहर लाल नेहरू की अगुवाई में बनी पहली सरकार में आरके षणमुखम चेट्टी पहले वित्‍त मंत्री बने थे। उन्‍होंने 26 नवंबर 1947 को आजाद देश का पहला बजट पेश किया था।

 



6. इंग्‍लैंड के वित्‍त मंत्री की चली गई थी कुर्सी

1947 में ही षणमुखम चेट्टी की लापरवाही के चलते इंग्‍लैंड के तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री की कुर्सी चली गई थी। षणमुखम चेट्टी की गलती के चलते बजट का कुछ हिस्सा लीक हो गया था और इंग्लैंड में मीडिया ने बजट पेश होने से पहले ही टैक्स से संबंधित जानकारियां पब्लिक कर दी थीं। इसके बाद इंग्लैंड के वित्त मंत्री ह्यूज डॉल्टन को इस्‍तीफा देना पड़ा था।

7. इस साल पहली बार हिंदी में बना बजट

आजादी के बाद बनी सरकारें अंग्रेजी में ही बजट तैयार करवाती रही। 1955-56 में पहली बार बजट भाषण को हिंदी में तैयार करवाया गया। तब से लगातार बजट भाषण हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में तैयार होते आ रहा है। हालांकि वित्‍त मंत्री अपनी सुविधा के हिसाब से हिंदी या अंग्रेजी में बजट भाषण पढ़ते हैं।

8. 2001 में टूटी अंग्रेजों की परंपरा

भारत देश 1947 में आजाद तो हो गया था, लेकिन देश में आम बजट को पेश करने की अंग्रेजों वाली परंपरा लंबे समय तक चलती रही। आम बजट की घोषणा पहले फरवरी के आखिरी दिन में शाम 5 बजे की जाती थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उस वक्त ब्रिटेन में बाजार खुलने का समय होता था, लेकिन 2001 से आम बजट संसद में 11 बजे से पहले पेश होने लगा।

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