रामलला प्राण प्रतिष्ठा: सर्जिकल और एयरस्ट्राइक में मदद करने वाले इसरो के सैटेलाइट से ली गई अयोध्या की तस्वीर

  • 21 जनवरी 2024 को सामने आई अयोध्या की सैेटेलाइट तस्वीर
  • एयरस्ट्राइक में सेना की करता है मदद
  • कार्टोसैट-2 / आईआरएस-पी7 सैटेलाइट

ANAND VANI
Update: 2024-01-22 09:46 GMT

डिजिटल डेस्क, अयोध्या। 21 जनवरी 2024 को इसरो ने अयोध्या नगरी और राम मंदिर की सैटेलाइट की तस्वीर जारी की। इसरो ने कार्टोसैट-2 सीरीज की एक सैटेलाइट से तस्वीर ली, इस कार्टोसैट-2 / आईआरएस-पी7 या कार्टोसैट-2 सी है। इसका रेजोल्यूशन एक मीटर के नजदीक है। आपको बता दें इस श्रंखला में सात सैटेलाइट है। जो भारत भूमि और उसकी सीमाओं पर नजर रखती है। भारतीय सेना इन सात में से एक सैटेलाइट का इस्तेमाल करती है। सेना ने इसकी मदद से पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक किया था। इनका उपयोग चीन के साथ सीमा संघर्ष के दौरान भी किया था। 

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को लेकर मंदिरों को फूलों से सजाया गया। इसरो ने अपने स्वदेशी उपग्रहों की मदद से अंतरिक्ष से राम मंदिर की तस्वीरें खींची। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से एक दिन पहले इसरो ने अयोध्या राम मंदिर की तस्वीर साझा की है। इसरो द्वारा रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट से ली गई इस तस्वीर में अयोध्या स्थित 2.7 एकड़ में फैले राम जन्मभूमि स्थल को देख सकते हैं। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की इस तस्वीर को इसरो ने पिछले वर्ष 16 दिसंबर को ली थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने मंदिर से जुड़ी जो तस्वीरें साझा की,उसे आप बार-बार देखेंगे।

उत्तर भारत में पड़ रही अत्यधिक सर्दी के कारण अयोध्या में छाए घने कोहरे के चलते अन्य इमेज लेने में कठिनाई हुई। इसरो द्वारा उपग्रह से ली गई तस्वीरों में आसपास की स्थल साफ दिखाई दे रहे है, जिमें दशरथ महल और सरयू नदी शामिल हैं। अयोध्या का रेलवे स्टेशन भी दिखाई दे रहा है।

खबरों के मुताबिक मूर्ति को गर्भग्रह में स्थापित करने में इसरो की मदद ली गई। राम मंदिर निर्माण के कई चरणों में भी इसरो की तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया है। जिसमें इसरो की तकनीक डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम आधारित निर्देशांक का इस्तेमाल किया गया। आपको बता दें अंतरिक्ष में भारत के 50 से अधिक सैटेलाइट हैं, जिनमें से कुछ का रिजॉल्यूशन एक मीटर से भी बहुत कम है। इन तस्वीरों को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर से क्लिक किया गया है।

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