कांग्रेस के असंतुष्टों के खेमे से फिर उठा बगावत का धुआं, गांधी परिवार के पसंदीदा अशोक गहलोत से होगा G 23 के शशि थरूर का मुकाबला!

कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव-2022 कांग्रेस के असंतुष्टों के खेमे से फिर उठा बगावत का धुआं, गांधी परिवार के पसंदीदा अशोक गहलोत से होगा G 23 के शशि थरूर का मुकाबला!

Anupam Tiwari
Update: 2022-09-14 11:20 GMT
कांग्रेस के असंतुष्टों के खेमे से फिर उठा बगावत का धुआं, गांधी परिवार के पसंदीदा अशोक गहलोत से होगा G 23 के शशि थरूर का मुकाबला!

डिजिटल डेस्क, जयपुर। कांग्रेस पार्टी में कई दिनों से अध्यक्ष पद की तलाश है। हाल ही में नई दिल्ली में हुई पार्टी की बैठक के बाद नए अध्यक्ष की चुनाव की डेट 17 अक्टूबर तय हुई थी। जबकि नामांकन की प्रक्रिया 24-30 सितंबर तक होगी। वहीं चुनाव का परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किया जाएगा। अब नामांकन की प्रक्रिया में महज 9 दिन ही बचे हैं, ऐसे में पार्टी नेताओं ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जहां राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं तो वहीं चर्चा है कि कांग्रेस हाईकमान ने अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार का चयन कर लिया है और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उम्मीदवार बनाया गया है।

कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि इस बार गांधी परिवार इस चुनाव से दूर रहेगा। हालांकि, सियासी हलचल यहीं खत्म नहीं होती है, खबरें ये भी हैं कि अशोक गहलोत के सामने कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर या फिर जी-23 के कोई अन्य नेता चुनावी मैदान में उतर सकता है। अगर ऐसा संभव हुआ तो कांग्रेस में काफी समय बाद अध्यक्ष पद के खातिर चुनाव की स्थिति बनेंगी। हालांकि अभी तक कांग्रेस में दो ही बार ऐसा हुआ है कि बागी होकर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने वाला नेता जीत दर्ज कर पाया हो।

G- 23 से कौन?

एक तरफ चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी अध्यक्ष के लिए गहलोत का नाम तय कर दिया है तो वहीं दूसरी तरह सियासी गरमी बढ़ने वाली है क्योंकि जी-23 के कुछ नेता भी गहलोत के सामने चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं। शशि थरूर के अलावा आनंद शर्मा, मनीष तिवारी व भूपेंद्र हुड्डा जैसे जी-23 के नेताओं की अध्यक्ष पद चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है। कुछ महीने पहले ही पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के साथ जी-23 नेताओं की बैठक हुई थी। उस वक्त कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार के अलावा किसी दूसरे नेता को अध्यक्ष बनाए जाने की वकालत की थी। यहां तक कि उन्होंने तंज कसा था कि मुझे सब की कांग्रेस चाहिए, कुछ लोग घर की कांग्रेस चाहते हैं। कांग्रेस नेतृत्व पर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सवाल खड़ा कर चुके हैं। हालांकि देश के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल अब सपा से राज्यसभा सांसद हैं। वैसे संयोग कुछ ऐसा ही बन रहा है, लेकिन देखना है कि आलाकमान इन चुनौतियों से कैसे निपटेगा?

बगावती तेवर के बाद भी अध्यक्ष बने

इतिहास में अभी तक दो ही ऐसे कांग्रेसी नेता हुए हैं, जो बगावत करने के बावजूद भी कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीते थे। वो सुभाष चंद्र बोस व पुरूषोत्तम दास टंडन थे। हालांकि बाद में सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी व पुरूषोत्तम दास टंडन ने जवाहर लाल नेहरू के विरोध के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से खबर है कि पार्टी आलाकमान को लगता है कि अशोक गहलोत गैर-गांधी चेहरे के तौर पर परफेक्ट होंगे। इसके पीछे की वजह अशोक गहलोत के ओबीसी समाज से आने की भी बताई जा रही है।

अशोक गहलोत राजस्थान के तीन बार सीएम रहे हैं और कांग्रेस में उनका कद काफी ऊंचा है। बताया ये भी जा रहा है कि गहलोत सोनिया, राहुल व प्रियंका के भी काफी करीबी माने जाते हैं। ऐसे में हाईकमान उन्हें अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाकर किसी भी तरह का रिस्क नहीं महसूस करेगा। ये भी बताया जा रहा है कि पार्टी भले ही अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के तौर पर  गहलोत को सामने ला रही है लेकिन अंदरूनी कलह देखने को मिल सकती है। क्योंकि गांधी परिवार इस चुनाव से अपने को अलग करने के लिए विचार कर रहा है।

अगर अशोक अध्यक्ष बने तो सीएम पद किसको?

मीडिया में अध्यक्ष पद उम्मीदवार के तौर पर अशोक गहलोत का नाम सामने आने के बाद राजस्थान में सियासी पारा चढ़ गया है। लोगों के मन में बस सवाल उठ रहा है कि अशोक गहलोत के बाद किसे सीएम की कुर्सी मिलेगी। चर्चाएं हैं कि 24 से 30 सितंबर के बीच अशोक गहलोत कभी नामांकन कर सकते हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि सीएम कुर्सी किसे सौंपी जाएगी। वैसे राजस्थान में कई दिनों से सचिन पायलट को सीएम बनाए जाने की मांग चल रही है।

गौरतलब है कि गहलोत व पायलट गुट में इसको लेकर काफी मतभेद चल रहा है। अटकलें ये भी लगाई जा रही है कि कांग्रेस पार्टी में जल्द अध्यक्ष पद के साथ सीएम पद को लेकर रार देखने को मिल सकती है। राजनीतिक जानकारों की माने तो राजस्थान में कांग्रेस हाईकमान बैलेंस बनाने के लिए नए सीएम पद पर किसी नेता को बैठाने के बाद अशोक गहलोत के बेटे वैभव को मंत्री पद की जिम्मेदारी दे सकता है। हालांकि ये वक्त ही बताएगा लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि जल्द ही पार्टी के भीतर घमासान देखने को मिल सकता है। कांग्रेस आलाकमान ने इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए कमर कस ली है। 

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