गहलोत समर्थक ने फिर लगाया पायलट पर निशाना, दीदी के डायलोग से किया वार

राजस्थान में फिर दिखी रार गहलोत समर्थक ने फिर लगाया पायलट पर निशाना, दीदी के डायलोग से किया वार

Anupam Tiwari
Update: 2021-12-18 15:47 GMT
गहलोत समर्थक ने फिर लगाया पायलट पर निशाना, दीदी के डायलोग से किया वार

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस की अंदरूनी कलह कम नहीं हो रही है। बता दें कि हाल ही में सचिन पायलट और अशोक गहलोत खेमे के बीच की दूरियां कम करने के लिए सूबे में मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था। लेकिन अब कयास यही लगाए जा रहे हैं कि दोनों गुटो के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को राजस्थान में अशोक गहलोत के बतौर मुख्यमंत्री तीन साल का कार्यकाल पूरा करने पर जश्न मनाया जा रहा था, इसी बीच अशोक गहलोत के एक राजनीतिक सलाहकार ने एक बार फिर पायलट पर हमला बोला। जिसके बाद से एक बार फिर राजस्थान की सियासत में हलचल मच गई है। 

खेला होबे, तो पंचर ही रहेगा

आपको बता दें कि सूबे के सीएम अशोक गहलोत के राजनीतिक सलाहकार संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर कहा कि सरकार की सरकार की शुरुआत दुधारी तलवार की नोक पर। लगातार अस्थिरता सिर उठाती रही। सूरज को तो पग पग तपना ही है। "खेला होबे" तो पंचर ही रहेगा। राज्य के कोने कोने में फैला विकास, उत्सव का भाव तो पैदा करता ही है। सरकार के चौथे वर्ष में प्रवेश पर मुख्यमंत्री गहलोत जी को हार्दिक बधाई। उनके इस ट्वीट के बाद से साफ संदेश था कि गहलोत व पायलट खेमों में अनबन खत्म नहीं हुआ है। हालांकि इस तरह के मतभेद पहले भी कई बार दोनों गुटों में देखा गया है।

ट्विटर पर जबरदस्त ट्रेंड हुआ राजस्थान मांगे पायलट 

आपको बता दें कि इस बीच शनिवार को टि्वटर पर ‘राजस्थान मांगे पायलट’ ट्रेंड करने लगा, जिसके बाद से माना जा रहा है कि इसके पीछे पायलट समर्थकों का हाथ है। इसके साथ ही इस बात के भी अनुमान लगाए जा रहे हैं कि क्या अगले चुनाव में कांग्रेस सचिन पायलट को बतौर मुख्यमंत्री चेहरा बनाने वाली है? बता दें कि हाल ही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी।

गौरतलब है कि भाजपा को पटखनी देने के बाद अगले विधानसभा चुनाव के लिए भी कांग्रेस की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं। ऐसे में प्रदेश के दो बड़े नेताओं के बीच टकराव कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन सकता है। वैसे इस टकराव को दूर करने के लिए गहलोत के सभी मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया था। बाद में नए मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था। उसके बावजूद भी टकराव की खबरें कांग्रेस के लिए चिंता का विषय बन गई है।
 

Tags:    

Similar News