यूपी सियासत के केंद्र में आईटी की रेड में पकड़े गए इत्र कारोबारी, पियूष या पंपी के बीच उलझे सियासी दल

बिजनेस मैन बना हिटमैन यूपी सियासत के केंद्र में आईटी की रेड में पकड़े गए इत्र कारोबारी, पियूष या पंपी के बीच उलझे सियासी दल

ANAND VANI
Update: 2021-12-28 07:02 GMT
यूपी सियासत के केंद्र में आईटी की रेड में पकड़े गए इत्र कारोबारी, पियूष या पंपी के बीच उलझे सियासी दल
हाईलाइट
  • कर चोरी या सत्ता जोरी

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। आईटी की रेड में पकड़े गए करोड़ो की कर चोरी आरोपी पियूष जैन पर अब राजनीति होने लगी है। व्यापारी को लेकर पार्टियों के बीच शुरू हुई तू- तू मैं- मैं  यूपी चुनाव में खूब डींगे हांक रहा है। आपको बता दें कन्नौज के इस इत्र व्यवसायी से जांच टीम को 194 करोड़ रूपए नगद कैश  के साथ 64 किलो सोना और तकरीबन 250 किलो चांदी प्राप्त हुई है। हालफिलहाल कोर्ट ने कारोबारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया  है। दूसरी तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी सीतापुर यात्रा में संबोधन के दौरान  बीएसपी चीफ और सपा प्रमुख पर नोटबंदी का विरोध करने का आरोप लगाया। 

धर्म की सियासत के बीच धन की एंट्री

मगर यूपी चुनाव से पहले इतनी बड़ी करचोरी के बाद कैश रिकवरी अचानक सियासत के केंद्र में आ गए हैं। और चुनावों के चलते दल एक दूसरे पर आरोप लगाने में जुट गए है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बीजेपी  पर आरोप लगाते हुए कहा कि कानपुर के जिस व्यापारी पर आईटी छापा पड़ा है उसका संबंध सपा से नहीं, बल्कि बीजेपी से है। इससे पहले बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने समाजवादी पार्टी पर इत्र कारोबारी के कनेक्शन होने का आरोप लगाया। संबित पात्रा ने पीयूष जैन के घर से नोटों के बंडल बरामद होने के बाद कारोबारी का सपा से रिश्ता जोड़ते हुए ट्वीट किया कि समाजवादियों का नारा है, जनता का पैसा हमारा है! समाजवादी पार्टी के कार्यालय में समाजवादी इत्र लॉन्च करने वाले पीयूष जैन के यहां जीएसटी के छापे में बरामद अरबों की समाजवाद की काली कमाई है?

संबित पात्रा के जवाब में समाजवादी नेता आशीष यादव ने पलटवार करते हुए कहा है कि कानपुर में पड़े कारोबारी के यहां इनकम टैक्स के छापे का सपा पार्टी से कोई लेना देना नहीं है, और ना ही समाजवादी इत्र बनाने वालों से इनका कोई नाता है। आप झूठ भ्रम और नफरत की दुर्गंध ना फैलाएं इसलिए आप को असली समाजवादी इत्र भेज रहे हैं। सप्रेम सुगंध भेंट!"

आपको बता दें समाजवादी इत्र के कारोबारी के यहां से बरामद कैश को देखकर जांच टीमें हैरान हो गई। खबरों के मुताबिक जिसने भी इतनी रकम को देखा वह यही अनुमान लगाने में लग गया कि नोटबंदी और लॉकडाउन के बाद इतनी बड़ी कमाई, चुनाव में रकम खपाने की कहीं ना कहीं तैयारी है?

छापेमारी के बाद व्यवसायी पीयूष जैन का संबंध समाजवादी पार्टी और कन्नौज से समाजवादी पार्टी के एमएलसी पुष्पराज जैन उर्फ पंपी से जोड़े जाने लगे थे। लेकिन जांच-पड़ताल में  पता चला कि पीयूष जैन और पंपी जैन का आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है। केवल इतना संबंध बताया जा रहा है कि दोनों एक ही  मोहल्ला छिपट्टी के रहने वाले हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक पकड़े गए आरोपी का किसी भा दल से कोई संबंध नहीं  है। समाजवादी इत्र का निर्माण करने वाले पुष्पराज  उर्फ पम्पी जैन समाजवादी पार्टी से तालुल्क रखते है। और एमएलसी का चुनाव लड़कर  सपा की ओर से पंपी को एमएलसी सदस्य बनाया गया।


 

 

 

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