Rajasthan: पायलट की वापसी के बाद कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, अजय माकन बने प्रभारी महासचिव, तीन सदस्यीय समिति भी गठित

Rajasthan: पायलट की वापसी के बाद कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, अजय माकन बने प्रभारी महासचिव, तीन सदस्यीय समिति भी गठित

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-16 17:08 GMT
Rajasthan: पायलट की वापसी के बाद कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, अजय माकन बने प्रभारी महासचिव, तीन सदस्यीय समिति भी गठित

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में सियासी घमासान खत्म होने के बाद कांग्रेस में सचिन पायलट की वापसी के बाद पार्टी में बढ़ा बदलाव हुआ है। अविनाश पांडे की जगह कांग्रेस ने अजय माकन को राजस्थान का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही 3 सदस्य कमेटी भी गठित की गई है। लगभग पांच सालों के अंतराल के बाद अजय माकन की कांग्रेस के केंद्रीय पदाधिकारी के तौर पर वापसी हुई है। अविनाश पांडे की छवि अशोक गहलोत के करीबी की बन गई थी। घर वापसी के समझौते में सचिन पायलट ने उन्हें हटाने की मांग रखी थी। बता दें कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने दो दिन पहले ही विश्वास मत हासिल किया था।

सचिन की मांग पर तीन सदस्यों की कमे​टी का गठन किया
बागी होने के बाद सचिन पायलट ने कांग्रेस में वापस शामिल होने से पहले अपनी कुछ शर्तें रखी थीं। इसके बाद सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान के साथ मुलाकात की और बागी तेवर दरकिनार करते हुए फिर से कांग्रेस के साथ खड़े नजर आए हैं। वहीं अब कांग्रेस ने भी सचिन पायलट की मांगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। पायलट की मांगों की सुनवाई करते हुए राजस्थान में तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। इस 3 सदस्यीय कमेटी में अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन शामिल है। वहीं अजय माकन को राजस्थान का जनरल सेक्रेटरी प्रभारी बनाया गया है।

पायलट ने ट्वीट कर जताया आभार
3 सदस्यीय कमेटी की नियुक्ति पर पायलट ने ट्वीट कर कांग्रेस का आभार जताया है। पायलट ने कहा है कि राजस्थान में समन्वय स्थापित करने के लिए अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के रूप में तीन सदस्यीय कमेटी नियुक्त करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व का आभार। मुझे पूर्ण विश्वास है कि कमेटी के मार्गदर्शन में राजस्थान में संगठन को एक नई दशा और दिशा मिलेगी।

सचिन के बगावत करने के बाद एक महीने चला था सियासी ड्रामा
बता दें कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने राज्य में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच चल रहे विवादों को निपटाने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया था। पार्टी के इस निर्णय का पायलट और गहलोत, दोनों ने ही स्वागत किया था। इसके पहले सचिन पायलट ने बागी तेवर अपना लिए थे। उनके साथ सचिन पायलट के समर्थन में 19 विधायकों ने कांग्रेस से बगावत कर दी थी। करीब एक महीने तक राजस्थान में सियासी घमासान देखने को मिला था। आखिरी में पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। इसके बाद उनकी कांग्रेस में वापसी हुई।
 

Tags:    

Similar News