उत्तराखंड को जल्द मिल सकते हैं नए मुख्य सचिव

उत्तराखंड उत्तराखंड को जल्द मिल सकते हैं नए मुख्य सचिव

IANS News
Update: 2022-06-22 12:00 GMT
उत्तराखंड को जल्द मिल सकते हैं नए मुख्य सचिव

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एनओसी भी भेज दी है। खबर ये भी है कि संधू पीएमओ में भी जगह पा सकते हैं। राधा रतूड़ी जल्द ही डॉ.सुखबीर सिंह संधु की जगह नौकरशाही की नई बॉस यानि, मुख्य सचिव बन रही हैं। उनके नाम पर मुहर लग चुकी है। इस कुर्सी पर पहुंचने वाली वह उत्तराखंड की पहली महिला आईएएस अफसर होंगी। सुखबीर सिंह संधू प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में जा रहे हैं।

वर्तमान मुख्य सचिव सुखबीर को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और डिफेंस सेक्रेट्री में से एक ओहदा मिलने वाला है। अधिक उम्मीद रक्षा सचिव बनाए जाने की है।1988 बैच की राधा ऑल इंडिया सिविल लिस्ट के लिहाज से प्रदेश की सबसे सीनियर ऑफिसर हैं, कैडर परिवर्तन के कारण वह अपने बैच में सुखबीर (1988 बैच) से नीचे हो गईं।

अभी वह एसीएस (सीएम-होम) और तमाम अन्य जिम्मेदारियों को संभाले हुए हैं। 57 वर्ष की राधा के पास बतौर मुख्य सचिव काम करने के लिए पर्याप्त वक्त रहेगा। उनका रिटायरमेंट 6 मार्च 2024 को है।सुखबीर सिंह संधू 6 जुलाई 2023 को रिटायर होंगे।

इससे एक बात तय हो गई कि अब एसएस संधू राज्य के मुख्य सचिव नहीं रहेंगे। वह जल्द ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में जा सकते हैं। अब चर्चा इस बात की है कि राज्य का नया मुख्य सचिव कौन होगा? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किसके नाम पर मुहर लगाएंगे? फिलहाल नौकरशाही में 2 नामों की बहुत जोर-शोर से चर्चा चल रही है।

चर्चा है कि आनंद वर्धन को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। राज्य सरकार ने आनंद वर्धन को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने को लेकर दी गई एनओसी वापस ले ली थी। इसी बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं कि आनंद वर्धन सरकार कुछ और बड़ी जिम्मेदारी देने वाली है।

आपको बता दें कि आनंद वर्धन इस राज्य के वरिष्ठतम आईएएस अफसरों में से एक हैं। उनको सरकारी कामकाज का लंबा अनुभव रहा है। कई भारी भरकम विभागों को वो संभाल चुके हैं। ऐसे में आनंद वर्धन को सीएस बनाया जा सकता है।वहीं, राधा रतूड़ी को लेकर भी चचार्एं हो रही हैं। हालांकि पहले भी उनको लेकर चचार्एं हुईं थीं। लेकिन उस वक्त सीएम धामी ने एसएस सिंधु पर भरोसा जताया था और उन्हे केंद्र से लाकर सीएस की कुर्सी सौंपी थी।

 

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