बिहार सियासत: एक-दूसरे के लिए क्यों जरूरी हैं नीतीश कुमार और भाजपा, तीन प्वाइंट्स में समझिए पूरा गणित

  • इंडिया गठबंधन से अलग होंगे नीतीश कुमार!
  • दोबारा से भाजपा का हाथ थामेंगे नीतीश!
  • क्यों एक-दूसरे के लिए जरूरी नीतीश-भाजपा?

Shiv Pathak
Update: 2024-01-27 08:42 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में एक बार फिर से सियासी उठा-पटक शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर दोबारा से भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिलाने वाले हैं। चूंकि नीतीश कुमार जिधर भी जाते हैं उस गठबंधन का पलड़ा भारी हो जाता है। इसलिए अगर नीतीश इंडिया गठबंधन से अलग होकर पहले की तरह भाजपा के साथ गठबंधन बना लेते हैं तो बिहार की कमान एक बार फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा और जेडीयू गठबंधन के हाथों में आ जाएगी।

भाजपा-नीतीश एक-दूसरे की जरूरत क्यों?

कुछ महीनों में देश होने वाले लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार दोनों की पोजिशन काफी मजबूत है। जहां भाजपा का एक बार फिर से बड़े बहुमत के साथ देश में अपनी सरकार बनाना लगभग तय मान रह है। वहीं नीतीश कुमार के हाथों में भी बिहार की कमान रहना तय नजर आ रहा है। लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर केंद्र में बैठी भाजपा और बिहार के मुख्यमंत्री पद पर बैठे नीतीश कुमार दोनों एक-दूसरे के लिए क्यों जरूरी हैं? आइए इस गठबंधन की एक-दूसरे की जरूरतों के बारे में समझते हैं-

भाजपा के लिए क्यों जरूरी नीतीश कुमार?

बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं। पांच साल पहले साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के साथ मिलकर भाजपा को बिहार के कुल 39 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन नीतीश से गठबंधन टूटने के बाद इस लोकसभा चुनाव में भाजपा की हालात राज्य में उतनी मजबूत नहीं है। इसलिए आगामी चुनाव में राज्य की कमान अपने हाथों में लेने के लिए भाजपा को नीतीश कुमार और उनके विधायकों का साथ बेहद जरूरी है। इसके साथ ही इंडिया गठबंधन को बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार को अपने साथ जोड़कर गठबंधन को कमजोर करना भी भाजपा का एक लक्ष्य माना जा रहा है।

नीतीश कुमार के लिए क्यों जरूरी भाजपा?

केवल भाजपा को ही नीतीश कुमार की जरूरत नहीं है बल्कि नीतीश कुमार के लिए भी भाजपा का साथ बेहद जरूरी है। इसका सबसे बड़ा कारण उनकी पार्टी के बड़े नेताओं का ईडी, आईटी और सीबीआई के रडार पर होना है। इसलिए भाजपा का हाथ थामना भविष्य में नीतीश कुमार के लिए सही साबित हो सकता है। इसके अलावा राजदा सहित इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री कुर्सी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। 

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