IOA अध्यत्र बत्रा गैरकानूनी तरीके से कर रहे हैं काम, उन्हें जाना होगा : सुधांशु मित्तल

IOA अध्यत्र बत्रा गैरकानूनी तरीके से कर रहे हैं काम, उन्हें जाना होगा : सुधांशु मित्तल

IANS News
Update: 2020-06-12 14:01 GMT
IOA अध्यत्र बत्रा गैरकानूनी तरीके से कर रहे हैं काम, उन्हें जाना होगा : सुधांशु मित्तल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ओलम्पिक संघ (IOA) के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कहा है कि अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा द्वारा दिए गए आदेश पर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक उनके उस एकतरफा रवैये का जवाब है जिसके तहत वो संघ में काम कर रहे हैं। मित्तल ने आईएएनएस से कहा कि बत्रा IOA अध्यक्ष का पद गैरकानूनी तरीके से संभाले हुए हैं और जल्द ही उन्हें अपने पद से हटना होगा।

मित्तल ने कहा, मैं उच्च न्यायालय के आदेश से काफी खुश हूं। बत्रा की पागलपंती रुकनी चाहिए। यह गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे बत्रा की कार्यप्रणाली का जवाब है। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि यह बड़ी जीत है और उनके तानाशाही रवैये पर रोक लगाएगी जिसके तहत वो काम कर रहे हैं। निकट भविष्य में उनके खिलाफ इस तरह की कई याचिकाएं दायर की जाएंगी। उन्हें जाना होगा।

मित्तल ने पहले कहा था कि दिसंबर-2017 में हुए IOA के चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए बत्रा ने नियमों का उल्लंघन किया था। उन्होंने साथ ही कहा था कि बत्रा IOA अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) के अध्यक्ष बनने के योग्य नहीं थे। FIH की अखंडता ईकाई (इंटेग्रीटी यूनिट) ने हालांकि बत्रा को क्लीन चिट दे दी है और कहा है कि वह बत्रा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करेंगे।

इस पर मित्तल ने कहा कि यह गलत हरकत FIH की मुख्य कार्यकारी अधिकारी थिएरी वेल की है जिन्होंने उनकी शिकायत अनुशासन समिति के पास भेजने के बजाए अखंडता ईकाई के पास भेजी थी। मित्तल ने कहा, FIH ने शरारत की है। मैंने जो शिकायत की थी वो अनुशासन समिति के पास जानी थी, जो स्वतंत्र है, बजाए अखंडता ईकाई के। मित्तल ने कहा, सीईओ को बत्रा ने नियुक्त किया था इसलिए उन्होंने जानबूझकर शिकायत अखंडता ईकाई के पास भेज दी है।

बत्रा ने हालांकि अपनी तरफ से किसी भी तरह की धांधली की बात को नकारा है। उन्होंने FIH सीईओ और आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक को मित्तल द्वारा लगाए गए आरोपों के बाबत पत्र लिख अपनी बात रखी है और कहा है कि मित्तल 2021 में IOA के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं और इसलिए उनकी छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं।

मित्तल ने कहा, FIH तो छोटा मुद्दा है। मेरा मुख्य मुद्दा बत्रा का FIH अध्यक्ष पद पर चुने जाना IOA और आईओसी की भी गलती है। उन्होंने कहा, वह हार रहे हैं। मुद्दे को भटकाने के लिए उन्होंने यह बात कही है कि मैं अगले साल IOA अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहता हूं और इसलिए मैं यह सब कर रहा हूं। उन्होंने कहा, लेकिन मैंने आईओसी के अध्यक्ष को लिखे पत्र में साफ कर दिया है कि मैं 2021 में IOA अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लडूंगा।

मित्तल ने आईओसी के एथिक्स कमिशन से बत्रा को हॉकी और ओलम्पिक मूवमेंट से बैन करने को कहा है। उन्होंने कहा, उनका चुनाव गैरकानूनी है और अध्यक्ष के तौर पर वह गैरकानूनी तरीके से काम कर रहे हैं जैसे ये उनकी खुद की कंपनी हो। उन्होंने मौजूद नियम, कानूनों को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने IOA के संविधान का उल्लंघन किया है इसलिए मैंने आईओसी में याचिका डाली ताकि उन्हें उनके पद से हटाया जा सके।

मित्तल ने कहा कि वह FIH सीईओ को लिखेंगे कि उन्होंने गलती से उनकी शिकायत अखंडता ईकाई को भेज दी है। उन्होंने कहा, मेरी शिकायत अनुशासन समिति को दी जानी थी। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया है तो मैं फिर कमिशन को लिखूंगा कि वह इस मामले को देखे क्योंकि यह FIH का नियम है।

 

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