टेस्ट क्रिकेट से टॉस हटाने के समर्थन में नहीं गांगुली

टेस्ट क्रिकेट से टॉस हटाने के समर्थन में नहीं गांगुली

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-22 06:02 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईसीसी की ओर से टेस्ट क्रिकेट में टॉस को खत्म किए जाने की खबरों के बीच टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का भी बयान सामने आया है। सौरभ गांगुली ने कहा है कि ये प्रस्ताव अभी विचार में है लेकिन मैं व्यक्तिगत तौर पर इसके पक्ष में नहीं हूं, मैं नहीं चाहता कि टेस्ट क्रिकेट से टॉस की प्रथा को खत्म किया जाए। आईसीसी की योजना टेस्ट क्रिकेट से टॉस की प्रथा को खत्म करने की है और वो इस पर बीते कुछ समय से विचार कर रहा है । 

 

 

गांगुली ने जताई असहमति 

 

टेस्ट क्रिकेट में टॉस खत्म करने के बारे में जब सौरभ गांगुली से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आईसीसी का ये प्रस्ताव फिलहाल विचार में है और ऐसा होता है कि नहीं अभी इसका फैसला होना बाकी है। मेरी व्यक्तिगत राय ये है कि ऐसा नहीं होना चाहिए, मैं इसके समर्थन में नहीं हूं क्योंकि अगर टेस्ट क्रिकेट से टॉस को हटा दिया गया तो इससे आईसीसी अपनी 140 साल पुरानी परंपरा खत्म कर देगा। आपको बता दें कि आईसीसी टॉस खत्म करने पर विचार कर रही है और पहले बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने का फैसला मेजबान टीम के ऊपर छोड़ने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इस विचार को आईसीसी की नई सीमित ने पेश किया था जिसमें कई पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, कोच और एलिट पेनल के अंपायर शामिल हैं। 

 

 

दो पूर्व कप्तानों ने भी जताई है असहमति 

 

सौरभ गांगुली से भारत के भारत के दो पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी और दिलीप वेंगसरकर भी आईसीसी के इस फैसले पर अपनी असहमति जता चुके हैं। बिशन सिंह बेदी ने इस प्रस्ताव को लेकर कहा था कि एक सदी से भी ज्यादा पुरानी टॉस की परंपरा को खत्म करने का औचित्य उनकी समझ में नहीं आ रहा है।

 

 

वहीं दिलीप वेंगसरकर ने कहा था कि टेस्ट क्रिकेट के प्रारूप के साथ पहले ही बहुत अधिक दखलअंदाजी हो चुकी है अब और अधिक करने की जरूरत नहीं है. कुछ चीजों को वक्त पर छोड़ देना चाहिए। वेंगसरकर ने ये भी कहा है कि अगर घरेलू टीम के अपने माकूल पिच बनाने के मसले पर ही टॉस को खत्म किया जा रहा है तो इसे न्यूट्रल क्यूरेटर को नियुक्त कर दूर किया जा सकता है। 

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