जानें कब है वट सावित्री व्रत, मनोकामना पूर्ति के लिए व्रत में ये चीजें रखना बिलकुल न भूलें

धर्म जानें कब है वट सावित्री व्रत, मनोकामना पूर्ति के लिए व्रत में ये चीजें रखना बिलकुल न भूलें

Ankita Rai
Update: 2022-05-17 07:31 GMT
जानें कब है वट सावित्री व्रत, मनोकामना पूर्ति के लिए व्रत में ये चीजें रखना बिलकुल न भूलें

डिजिटल डेस्क, भोपाल।  हमारे हिन्दू धर्म में कई ऐसे व्रत हैं, जिन्हें रखकर सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इन व्रतो में से एक व्रत वट सावित्री का भी है। जिसको रखकर सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबे आयु की मनोकामना करती हैं। वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या को पड़ता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पति की लंबी आयु होती है। बताया जाता है कि सावित्री देवी ने अपने पति सत्यवान की मृत्यु के बाद यमराज से हठ कर अपने पति को वापस जीवन दान देने पर मजबूर किया था। उसी दिन  और ज्येष्ठ माह में महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। बरगद के पेड़ की परिक्रमा की जाती है। पेड़ के चारों ओर कलावा भी बांधती हैं। 

क्या है मान्यता?
वट सावित्री व्रत  को लकर  माना गया है कि जो महिलाएं इस व्रत का सच्चे मन से करती है, न सिर्फ उसके पति की लंबी आयु होती है बल्कि उनके परिवार पर से सभी विपदाएं दूर होती हैं। साल 2022 में वट सावित्री का व्रत मई महीने की 30 तारीख सोमवार को मनाया जाएगा। यह दिन अखंड सौभाग्य के नाम से भी जाना जाता है।  इस दिन पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। 

वट सावित्री व्रत की पूजा विधि
वट सावित्री के व्रत की संपूर्ण विधि करने के लिए महिलाओं को बरगद के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। साथ ही बरगद के पेड़ की परिक्रमा भी की जाती है। पेड़ के चारों ओर कलावा बांधती हैं। साथ ही वट सावित्री व्रत की कथा सुननी चाहिए। यह कथा बहुत सौभग्यप्रदायक है और इस दिन हर सुहागिन को इस कथा को जरुर सुनना चाहिए। इस व्रत में पूजन-सामग्री का अत्यंत महत्व है।

पूजन सामग्री
धूप और दीपक 
 बांस से बना पंखा
 फूल व फल
पीले और लाला रंग का कच्चा सूत
 कुमकुम 
 लाल वस्त्र पूजा में बिछाने के लिए

इस सामग्री के साथ विधि विधान से पूजन और कथा पाठ कीजिए।

 

डिसक्लेमर- ये जानकारी अलग अलग धर्म की किताबों और मान्यता के आधार पर दी गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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