ईसीएलजीएस के तहत एमएसएमई के लिए 1.20 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत

ईसीएलजीएस के तहत एमएसएमई के लिए 1.20 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत
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हाईलाइट
  • ईसीएलजीएस के तहत एमएसएमई के लिए 1.20 लाख करोड़ रुपये स्वीकृत

नई दिल्ली, 11 जुलाई (आईएएनएस)। सरकार यह सुनिश्चित करने में लगी है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र की नकदी संबंधी चिंताओं को उसकी आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत प्राथमिकता के साथ निपटाया जाए।

सार्वजनिक क्षेत्र और निजी बैंकों ने नौ जुलाई, 2020 तक 100 प्रतिशत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना यानी ईसीएलजीएस के तहत 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋणों को मंजूरी दी है, जिनमें से 62,000 करोड़ रुपये के करीब ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं।

पिछले कुछ हफ्तों में इस क्षेत्र को किए गए आवंटन में बड़ा उछाल आया है और नौ जुलाई तक पिछले पांच दिनों में आवंटन में 5,500 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। वहीं वितरण या अदायगी में लगभग 6,000 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने एक ट्वीट में कहा, नौ जुलाई 2020 तक 100 प्रतिशत ईसीएलजीएस के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा कुल 1,20,099.37 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया। इसमें से 61,987.90 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है।

ईसीएलजीएस योजना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मई में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का सबसे बड़ा वित्तीय घटक है।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि योजना वर्तमान कठिन अवधि के दौरान एमएसएमई क्षेत्र को पर्याप्त नकदी प्रदान करने के अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सके, इसके लिए वित्त मंत्रालय ने नियमित रूप से बैंकों के साथ बैठकें की हैं।

वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के बैंकों ने ईसीएलजीएस की सफलता में योगदान दिया है। योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा मंजूर ऋण की राशि बढ़कर 68,145.40 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। नौ जुलाई तक इसमें से 38,372.88 करोड़ रुपये का ऋण दिया जा चुका था।

इसी तरह, निजी बैंकों ने 51,953.97 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया है, जिसमें 23,615.02 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है।

यह योजना एमएसएमई और अन्य व्यवसायों की 30 लाख से अधिक इकाइयों की मदद करेगी और व्यवसायों को राष्ट्रव्यापी बंद के बाद फिर से शुरू करने में सहायक सिद्ध होगी।

Created On :   11 July 2020 4:30 PM IST

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