सेबी की बड़ी कार्रवाई, 19 टेक कंपनियों पर लगी पाबंदी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सेबी ने कालेधन को सफेद बनाने के संदेह में 19 टेक्नोलॉजी कंपनियों को बांबे स्टॉक एक्सचेंज की कारोबरी सूची से बाहर करते हुए उन पर पाबंदी लगा दी है। सेबी ने इन कंपनियों के प्रमोटर्स को अगले 10 साल तक प्रतिभूति बाजार से भी दूर रहने को कहा है। बाहर की गईं ज्यादातर कंपनियां सूचना तकनीक से संबंधित हैं।
सेबी ने यह कदम फर्जी कंपनियों के नाम पर काले धन को सफेद करने के आरोपों की जांच की अगली कड़ी के रूप में उठाया है। सेबी ऐसी 331 कंपनियों को हवाला और अन्य तरीकों से कालेधन को सफेद करने के संदेह में पहले ही प्रतिंबंधित कर चुकी है। मंगलवार को बांबे स्टॉक एक्सचेंज की कारोबार सूची से बाहर की गई कंपनियों में श्यामा इन्फोसिस, यूनिसिस सॉफ्टवेयर और क्रेजी इन्फोटेक जैसी कंपनियां प्रमुख हैं।
ये छोटी कंपनियां आईटी सेक्टर में कारोबार करने के साथ हेल्थ केयर और मोबाइल सप्लीकेशन क्षेत्र में भी काम कर रही थीं। कुछ कंपनियों का कारोबार म्यूचुअल फंड तक फैला हुआ था। अब इनमें से कुछ कंपनियां सबी के डिसेमिनेशन बोर्ड के पास प्रतिबंध की अवधि को घटकार पांच कर करने का आग्रह कर सकती हैं।
सेबी ने इसी के साथ एक ऐसी प्रणाली बनाने पर काम शुरू किया है, जिसमें बांबे स्टॉक एक्सचेंज की सभी सूचीबद्ध कंपनियों की सालाना रिपोर्ट की छानबीन की जा सकेगी। यह प्रणाली कंपनी की माली हालत, कर्ज का बोझ, निवेशकों की शिकायतों, मुनाफे की गलत जानकारी देने जैसी सूचनाएं इकट्ठा करेंगी। सेबी को यह कदम इसलिए उठाना पड़ रहा है, क्योंकि अधिाकांश कंपनियों की सालाना रिपोर्ट में लेन-देन, कर्ज, देनदारी आदि से जुड़ी सूचनाएं छिपा ली जाती हैं। इनके बारे में तहकीकात करने पर सेबी को उम्मीद है कि निफ्टी की 50 कंपनियों के बारे में फंड के दुरुपयोग और फर्जी कंपनियों के जरिए कालेधन को सफेद करने जैसी शिकायतों की बारीकी से पड़ताल करने में मदद मिलेगी।
Created On :   29 Aug 2017 5:39 PM IST