रायपुर हवाईअड्डे को वैश्विक रूप देने पर सहमति

- रायपुर हवाईअड्डे को वैश्विक रूप देने पर सहमति
रायपुर, 28 जनवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मंगलवार को मध्य क्षेत्रीय परिषद की 22वीं बैठक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई। इसमें रायपुर हवाईअड्डे को अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के रूप में विकसित करने पर सहमति बनी।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए अनुमति देने और बिलासपुर से उड़ाने शुरू करने की मांग की। साथ ही रायपुर एयरपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कारगो विमानों के परिचालन की अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया।
बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रायपुर एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने पर सहमति जताई। शाह ने बिलासपुर से उड़ानें शुरू करने के संबंध में सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के स्तर पर पहल का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हर राज्य में कम से कम एक अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट होना चाहिए।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस संबंध में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाएं सात राज्यों से मिलती हैं, जिसके कारण छत्तीसगढ़ को इस सात राज्यों के लॉजिस्टिक हब तथा एवीएशन हब के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
बैठक में बघेल ने उपार्जित धान में से पीडीएस के अलावा शेष अनाज के समुचित उपयोग के लिए व्यवस्था बनाने की मांग की, जिससे अनाज का उचित उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति धान आधारित बायो एथेनॉल के विक्रय मूल्य को शीरा, शक्कर, शुगर सिरप से उत्पादित एथेनॉल के विक्रय दर के समतुल्य रखा जाए तथा धान के एथेनॉल उत्पादन में उपयोग की अनुमति भी दी जाए, ताकि बायो एथेनॉल का उत्पादन वाणिज्यिक आधार पर लाभप्रद बना रहे।
बघेल ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन नीति में जैसे एफसीआई को कम्पनसेट करने का प्रावधान है, उसी तरह उपार्जन कार्य करने वाली राज्य सरकार की एजेंसी को भी कम्पनसेट दिया जाए। छत्तीसगढ़ के इस सुझाव पर केंद्रीय गृहमंत्री ने विचार का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत वन है। इसलिए बिगड़े वनों वाले क्षेत्र में सिंचाई और बिजली विस्तार जैसे विकास कार्यो की स्वीकृति दी जानी चाहिए। शाह ने इस प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में विचार का आश्वासन दिया।
बघेल ने मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ का उत्तरीय भाग सरगुजा गंगा नदी के बेसिन का हिस्सा है। राज्य सरकार द्वारा गंगा नदी को स्वच्छ करने के लिए नमामि गंगा प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। गंगोत्री से लेकर बंगाल की खाड़ी तक गंगा नदी के जल प्रवाह में 2.8 प्रतिशत जल छत्तीसगढ़ से जाता है, इसलिए नमामि गंगा प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत राशि का हिस्सा छत्तीसगढ़ को मिलना चाहिए।
इस राशि से बाढ़ नियंत्रण का कार्य हो सकेगा और भूजल का रिचार्ज, खेती के लिए जल की उपलब्धता एवं गंगा नदी में सालभर जलप्रवाह बनाए रखने का कार्य किया जा सकेगा।
बैठक में मध्य क्षेत्रीय परिषद के उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल सहित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिस्सा लिया। बैठक में विभिन्न अंतर्राज्यीय विषयों समेत छत्तीसगढ़ से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
Created On :   28 Jan 2020 10:00 PM IST