फेड रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा से एशिया, अमेरिकी शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली

All-round sell-off in Asia, US stock market due to Fed Reserves announcement of hike in interest rates
फेड रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा से एशिया, अमेरिकी शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली
ब्याज दर फेड रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा से एशिया, अमेरिकी शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली
हाईलाइट
  • फेड रिजर्व की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा से एशिया
  • अमेरिकी शेयर बाजार में चौतरफा बिकवाली

डिजिटल डेस्क, लंदन। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में 22 साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी की घोषणा के साथ ही अमेरिका के साथ एशिया के प्रमुख शेयर बाजारों में तेज गिरावट दर्ज की गई। फेड रिजर्व ने महंगाई पर काबू पाने के लिये ब्याज दरों में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी की है, जो 22 साल में की गई सबसे बड़ी बढ़ोतरी है।

फेड का कहना है कि ब्याज दर में बढ़ोतरी से कार, घर और सेवायें महंगी हो जायेंगी, जिससे इनकी मांग घटेगी। मांग घटने से महंगाई कम होगी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, फेड की घोषणा निवेश धारणा के प्रतिकूल रही, जिससे बाजार में बिकवाली हावी हो गई। निवेशक इस बात को लेकर आशंकित हैं कि बढ़ती महंगाई और उसे काबू में लाने का फेड का तरीका आर्थिक विकास पर विपरीत असर डालेगा।

एशिया में जापान को छोड़कर, चीन का शंघाई कंपोजिट, हांगकांग का हैंगशैंग और भारत में बीएसई का सेंसेक्स शुक्रवार को गिरावट में कारोबार कर रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार में भी कोहराम मचा हुआ है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हांगकांग का हैंगशैंग 3.6 प्रतिशत, चीन का शंघाई कंपोजिट 2.3 प्रतिशत और आस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200, 2.4 प्रतिशत गिर गया।

अमेरिका में एसएंडपी 500 का सूचकांक 3.6 प्रतिशत तथा नैस्डैक करीब पांच प्रतिशत लुढ़क गया। बुधवार को फेड की घोषणा के तत्काल बाद अधिकतर बाजारों में तेजी रही थी लेकिन उसके एक दिन बाद बाजारों में जबरदस्त बिकवाली देखी गई। विश्लेषकों का कहना है कि यह राहत की बात है कि बैंक अधिक आक्रामक रुख नहीं अपना रहे हैं। फेड ने भी कहा है कि ब्याज दरों में और अधिक बढ़ोतरी के बारे में अभी गंभीरता से नहीं विचार किया जा रहा है।

हालांकि, बाजार की गिरावट इस बात को बताती है कि निवेशक इस बात से चिंतित हैं कि क्या फेड आर्थिक विकास की गति में बिना कोई रोड़ा लगाये महंगाई पर काबू पा सकता है। अक्सर महंगाई केंद्रीय बैंक के नियंत्रण के बाहर के कारकों से होती है, जैसे यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण शुरू हुई आपूर्ति बाधा की वजह से ईंधन के दामों में तेज उछाल।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   6 May 2022 2:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story