रुपए में गिरावट पर जेटली ने दी सफाई, बोले- समस्या देसी नहीं, अंतरराष्ट्रीय है

- मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने राफेल डील
- जनधन खाता जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की।
- वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया।
- उन्होंने यह कॉन्फ्रेंस कैबिनेट मीटिंग के बाद रखी थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि रुपए की गिरती कीमत से भारत जैसी इकोनॉमी को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "सिर्फ भारत ही नहीं अन्य देशों की करंसी भी डॉलर के मुकाबले टूटी हैं। यह समस्या भारत की ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय है। इस पर ज्यादा चिंता करने की जरुरत नहीं है।" अरुण जेटली ने ये बातें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। यह कॉन्फ्रेंस कैबिनेट मीटिंग के बाद रखी गई थी। मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरती वेल्यू के अलावा भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी। इसमें राफेल डील, जनधन खाते जैसे मुद्दे शामिल थे।
जेटली ने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय कारणों की वजह से भारतीय रुपए में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी, चीन और यूएस की ट्रेड वॉर और यूएस की मजबूत पॉलिसी रुपए में गिरावट की मुख्य वजह हैं। जेटली ने कहा, "अगर आप पिछले चार-पांच सालों में भारत और दूसरे देशों की करंसी की तुलना करते हैं, तो यह देखने की जरूरत है कि उनके मुकाबले रुपया अभी भी स्थिर है। भारत सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी है। इसलिए हमें इतनी जल्दी घबराने की जरूरत नहीं है।"
जेटली ने पाउंड का उदाहरण देते हुए कहा कि जब NDA सत्ता में आया तो एक पाउंड की वेल्यू 102 रुपये के बराबर थी। वहीं अभी एक पाउंड 80 रुपए के बराबर है। पाउंड में तेज गिरावट का सबसे बड़ा कारण ब्रेक्सिट रहा है। ऐसे ही भारतीय रुपया इन दिनों या तो स्थिर रहा है या दूसरे देशों का इसपर असर पड़ा है। वहीं जेटली ने भारतीय रिजर्व बैंक का समर्थन भी किया। जेटली ने कहा कि RBI फिलहाल जो भी कर रहा है वह देश के हित में है और आवश्यक है।
वहीं राफेल पर सवाल पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि कांग्रेस और उनके अध्यक्ष राहुल गांधी के पास जानकारी का आभाव है। वित्त मंत्री ने कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा कि राफेल विमान की कीमत कांग्रेस के समय में हुए सौदे से 9 प्रतिशत कम है। जेटली ने राफेल सौदे में किसी प्राइवेट कंपनी के योगदान को नकारते हुए कहा कि यह बिलकुल ही बेतुकी बातें हैं। उन्होंने कहा, "सभी जहाज (36) फ्रांस से ही बनकर भारत आएंगे। ऐसे में प्राइवेट कंपनियों को फाएदा पहुंचाने वाली बातें सरासर झूठी हैं।"
जेटली ने जनधन खातों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इन खातों से लोगों को काफी लाभ पहुंचा है। इसमें अभी तक कुल 32.41 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं। इसमें से 53 प्रतिशत अकाउंट होल्डर महिलाएं हैं, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। वहीं इस खाते से ग्रामीण लोगों को भी फायदा पहुंचा है। 59 प्रतिशत अकाउंट ग्रामीण क्षेत्रों में खुले हैं। 83 फीसदी अकाउंट को आधार से भी जोड़ दिया गया है। जेटली ने कहा कि इन खातों में अबतक कुल 81,200 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं।
Created On :   5 Sept 2018 10:04 PM IST