पेट्रोल-डीजल के दाम पर एसोचैम की फिक्र, टैक्स को बताया वजह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के वाणिज्य संघों की प्रतिनिधि संस्था एसोचैम ने हाल ही में डीजल और पेट्रोल के दाम में कमी लाने की मांग की है। एसोचैम के द्वारा जारी किए गए नोट में कहा गया है, "जब कच्चे तेल कि वैश्विक कीमत 107 डॉलर प्रति बैरल थी तब देश में पेट्रोल की कीमत 71.51 रुपये थी। अब वैश्विक स्तर पर तेल के दाम कम होने के बावजूद तेल कि कीमतों में बढ़ोतरी ही हुई है।"
गौरतलब है की देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। तेल की वैश्विक कीमत 53.88 डॉलर प्रति बैरल होने पर देश में तेल का दाम करीब 40 रुपए प्रति लीटर होने चाहिए थे। बढ़े हुए दाम देश के उपभोक्ताओं के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। एसोचैम ने इसी विषय पर आगे कहा है कि, पेट्रोल और डीजल के दामों को पूरी तरह से बाजार के हवाले कर दिया गया है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से लगाए गए उत्पाद कर, बिक्री कर या वैट में तेजी से इजाफा होने की वजह से सुधार का कोई मतलब नहीं रह जाता।
संगठन के महासचिव डी एस रावत ने बताया है कि, "यह बात सच है कि सरकार को हर वक्त अवसंरचना और कल्याण योजनाओं के लिए संसाधनों की आवश्यकता होती है, लेकिन केंद्र और राज्यों कि पेट्रोल और डीजल पर आवश्यकता से अधिक निर्भरता आर्थिक विकास कि गति को प्रभावित करता है। जिसका असर आर्थिक आंकड़ों पर भी दिखाई दे रहा है। अगर मुद्रास्फीति कि बात कि जाए तो उसकी दर अगस्त 24% से 20% थी। इसलिए ऐसे समय में उद्योगों में निवेश करने के लिए सस्ते वित्तपोषण की आवश्यकता है। ऐसे में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ब्याज दरों को घटाने कि संभावनाओं प्रभाव डाल सकती है।
Created On :   17 Sept 2017 7:37 PM IST