गड़बड़ाया देश का आर्थिक गणित, अगस्त में थोक महंगाई में दर में बढ़ोतरी
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। गुरुवार का दिन देश की आर्थिक स्थिति के लिहाज चिंता बढ़ाने वाला रहा। दरअल मोदी सरकार देश के आर्थिक हालात को सुधारने के लिए जी तोड़ कसरत कर रही है, लेकिन गुरुवार को आई एक रिपोर्ट ने सरकार के प्रयास पर सवाल खड़े कर दिए। रिपोर्ट के मुताबिक देश में थोक महंगाई अगस्त के महीने में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। जिसकी सरकार ने उम्मीद नहीं की होगी।
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर पिछल महीने (अगस्त) चार महीने के उच्चतम स्तर 3.24 प्रतिशत पर पहुंच गई।
थोक महंगाई में ये उछाल प्याज, सब्जियों और खाने-पीने जैसी चीजों के दाम बढ़ने के कारण दर्ज किया गया है। जुलाई में थोक मुद्रास्फीति की दर 1.88 प्रतिशत पर थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने में खाने पीने की चीजों की कीमतों में 5.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जबकि जुलाई में ये 2.15 प्रतिशत थी।
खाद्य महंगाई दर बढ़कर हुई 5.75 फीसदी
इस वित्त वर्ष की बिल्ट इन महंगाई दर 1.41 फीसदी रही है जबकि पिछले साल की समान अवधि में ये 3.25 फीसदी थी। खाद्य महंगाई दर बढ़कर 5.75 फीसदी रही जबकि जुलाई 2017 में ये 2.15 फीसदी थी। सालना आंकलन के आधार पर प्याज की कीमतें बढ़कर 88.46 फीसदी रही जबकि आलू की कीमत नकारात्मक 43.82 फीसदी रही है। अगस्त में सब्जियों की कीमतें बढ़कर 44.91 फीसदी रही है जबकि अगस्त 2016 में यह नकारात्मक 7.75 फीसदी थी।
मोटे अनाजों, मीट-मछली, तेल और वसा महंगाई दर हुई कम
वार्षिक आधार पर गेहूं सस्ता हो गया है। इसकी दर नकारात्मक 1.44 फीसदी रही है जबकि प्रोटीन आधारित खाद्य सामग्रियां अंडे, मांस और मछली मंहगी हो गई हैं। यह बढ़कर 3.93 फीसदी हो गई हैं। ईंधन और बिजली की कीमत भी बढ़कर 9.99 हो गई है।
आपको बता दें कि महंगाई दर कम होने का दावा केवल कुछ मोटे अनाजों, मीट-मछली, तेल और वसा पर किया गया है।
Created On :   15 Sep 2017 3:33 AM GMT