भारत-पाकिस्तान के बीच खराब संबंध से द्विपक्षीय व्यापार पर पड़ रहा बुरा असर

Bad relations between India and Pakistan are having a bad effect on bilateral trade
भारत-पाकिस्तान के बीच खराब संबंध से द्विपक्षीय व्यापार पर पड़ रहा बुरा असर
नुकसान भारत-पाकिस्तान के बीच खराब संबंध से द्विपक्षीय व्यापार पर पड़ रहा बुरा असर
हाईलाइट
  • दोनों पड़ोसी देश एक दूसरे के खिलाफ अपना आक्रामक रुख बदलने से परहेज कर रहे हैं

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। परमाणु शक्ति संपन्न दो कट्टर प्रतिद्वंदी पड़ोसियों पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध बद से बदतर हो चले हैं। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर वार्ता की मेज के लिए माहौल नहीं बनाने और सीमा पर आक्रामक रणनीति अपनाने का आरोप लगाते रहे हैं।

दोनों पड़ोसी देश एक दूसरे के खिलाफ अपना आक्रामक रुख बदलने से परहेज कर रहे हैं, जिससे खराब संबंधों का द्विपक्षीय व्यापार पर एक बड़ा प्रभाव पड़ा है और इसके कारण व्यापारियों को अरबों का नुकसान झेलना पड़ा है।

व्यापारी वर्ग को निकट भविष्य या आने वाले समय में व्यापारिक गतिविधि फिर से शुरू होने की कोई सकारात्मक संभावना दिखाई नहीं दे रही है।

अगस्त 2019 से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने का पाकिस्तान द्वारा कड़ा विरोध किए जाने के बाद, द्विपक्षीय व्यापार निलंबित रहा है, जिसने जम्मू एवं कश्मीर की विशेष स्थिति को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया था।

पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ सभी राजनयिक और द्विपक्षीय संबंधों को काटने के साथ-साथ इस्लामाबाद में मौजूदा भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेजने का फैसला किया था।

इसके साथ ही जोर देकर कहा गया था कि जब तक भारत के अवैध रूप से कब्जे वाले जम्मू एवं कश्मीर (पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को भारत अधिकृत कश्मीर कहता है) को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक संबंधों को सामान्य नहीं किया जा सकता है।

दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद के कारण सीमा के दोनों ओर हजारों व्यापारियों, ठेकेदार और बिचौलिए मजदूर, जो वाघा सीमा से व्यापार करते थे, को लाखों का नुकसान हो रहा है।

हाल ही में, पाकिस्तान के संघीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा भारत से चीनी, कपास और यार्न आयात करने के लिए एक सारांश (समरी) संघीय कैबिनेट को मंजूरी के लिए भेजा गया था।

हालांकि, इस पर कैबिनेट ने कहा कि भारत के साथ तब तक कोई व्यापार नहीं हो सकता, जब तक कि वह जम्मू और कश्मीर पर अपने 5 अगस्त, 2019 के फैसले को उलट नहीं देता।

भारत से जिप्सम आयात करने वाले एक व्यापारी कय्यूम खान ने कहा, वाघा सीमा के पास पड़ा मेरा लाखों रुपये का जिप्सम खराब हो गया है और मुझे भारी नुकसान हुआ है।

इस महत्वपूर्ण तथ्य पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि व्यापारी पाकिस्तान के रुख का विरोध नहीं कर रहे हैं और वे खुद भी कश्मीर की विशेष स्थिति की बहाली की मांग करते हैं और उनका भी कहना है कि मांग पूरी होने तक भारत के साथ कोई संबंध स्थापित नहीं होने चाहिए।

हालांकि वे पाकिस्तानी सरकार पर अफगान-भारत पारगमन (ट्रांसिट) के लिए समान व्यापार मार्ग का उपयोग करने की अनुमति देने पर सवाल भी उठाते हैं।

कय्यूम खान ने कहा, अगर वाघा के जरिए अफगान-भारत व्यापार किया जा सकता है, तो हमारे दोनों देशों के बीच भी व्यापार फिर से शुरू होना चाहिए।

भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार, जो 2003 में 25 करोड़ डॉलर का था, 2004 से 2007 के बीच लगभग 3 अरब डॉलर तक बढ़ गया। ऐसा इसलिए था, क्योंकि उस समय दोनों देशों के बीच शांति थी।

एक ओर जहां पाकिस्तानी सरकार का मानना है कि भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिए जाने तक द्विपक्षीय व्यापार फिर से शुरू नहीं हो सकता है, वहीं व्यापारियों का मानना है कि व्यापार को फिर से शुरू करना ही एकमात्र तरीका है, जिससे दोनों देश अपने मुद्दों को हल कर सकते हैं।

कन्फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल चैंबर्स ऑफ कॉमर्स अमृतसर के अध्यक्ष राजदीप उपल ने कहा, किसी तीसरे देश के माध्यम से व्यापार करने के बजाय, व्यापार की बहाली पाकिस्तान और भारत के निवासियों के बीच संपर्क को मजबूत करेगी और दोनों देशों की राजनीति को भी प्रभावित करेगी।

 

(आईएएनएस)

Created On :   9 Feb 2022 5:30 PM IST

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