बैंक अब लोन देने से पहले करेंगे फेस रीडिंग, डिफॉल्टर्स की होगी पहचान

Bank will do face reading before giving loan to spot defaulters
बैंक अब लोन देने से पहले करेंगे फेस रीडिंग, डिफॉल्टर्स की होगी पहचान
बैंक अब लोन देने से पहले करेंगे फेस रीडिंग, डिफॉल्टर्स की होगी पहचान
हाईलाइट
  • गुजरात फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी से बैंकों ने इस मामले में मदद मांगी है।
  • नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे डिफॉल्टर्स की पहचान कर्मचारी कर सके इसके लिए बैंकों से यूनिवर्सिटी से एक माइक्रो एक्सप्रेशन मैन्युअल उपलब्ध करने के लिए कहा है।
  • बैंक अब लोन देने से पहले डिफॉल्टर्स की पहचान करने के लिए फेस रीडिंग का सहारा लेगी।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बैंक अब लोन देने से पहले डिफॉल्टर्स की पहचान करने के लिए फेस रीडिंग का सहारा लेगी। गुजरात फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी से बैंकों ने इस मामले में मदद मांगी है। नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे डिफॉल्टर्स की पहचान कर्मचारी कर सके इसके लिए बैंकों से यूनिवर्सिटी से एक माइक्रो एक्सप्रेशन मैन्युअल उपलब्ध करने के लिए कहा है। इस मैन्युअल की मदद से बैंक अपने कर्मचारियों को ट्रेनिंग दे देगी।

क्या होता है माइक्रो एक्सप्रेशन?
सेकंड के 25वें हिस्से में होने वाले बदलाव को माइक्रो एक्सप्रेशन कहते है। इन भावों को छुपाया नहीं जा सकता। ऐसे भाव किसी की जानकारी को जानबूझकर छिपाने या यूं कहे कि झूठ बोलने पर दिखाई देते है। पिकासो के क्यूबिज्म थ्योरी से प्रेरित होकर बैंकों ने ये योजना तैयार की है। 20वीं शताब्दी में मॉडर्न आर्ट मूवमेंट में पेंटिंग में पूरी वस्तु न होकर इसे टूटे हुए रूप में देखा जाता था और फिर इकट्ठा करके वस्तु रूप दिया जाता था।

NPA से परेशान बैंक
बता दें कि बैंक बढ़ते नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (NPA) से बहुत ज्यादा परेशान है। इससे बचने के लिए तकनीकी हल निकाले जा रहे है। बैंकिग सेक्टर की वर्तमान स्थिति को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने हाल ही में एक रिपोर्ट भी पेश की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बैड लोन बैंकों के कुल अग्रिमों के मुकाबले मार्च 2018 में 11.6 % था, जो बढ़कर चालू वित्त वर्ष (2019) के अंत तक 12.2 % तक पहुंच सकता है।

मौजूद संकट रह सकती है बरकरार
अपनी फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट (FSR) में RBI ने कहा था कि बैंकिंग सेक्टर में मौजूदा संकट बरकरार रह सकता है क्योंकि सकल NPA (GNPA) अनुपात में और बढ़ोतरी होगी। देश के प्रमुख 11 सरकारी बैंकों के खिलाफ त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) की ओर इशारा करते हुए RBI ने कहा कि उनके GNPA की हालत और खराब हो सकती है, जो कि मार्च 2018 के 21% से बढ़कर चालू वित्त वर्ष के अंत तक 22.3% के स्तर पर पहुंच सकती है।

Created On :   29 Jun 2018 10:17 PM IST

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