कैशलेस की ओर बैंकों का बड़ा कदम, बंद किए 358 एटीएम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद कैशलेश की ओर बढ़ रही भारतीय सरकार अपनी इकोनॉमी मजबूत करने की ओर अग्रसर है। सरकार की कैशलेस योजना को तेजी से बढ़ाने में अब बैंकों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर दी है। बैंकों ने लगातार शहरी क्षेत्रों में ATM की संख्या घटाना शुरू कर दिया है। इस साल जून से अगस्त के बीच देश में अब तक बैंकों ने 358 ATM बंद कर दिए हैं।
जून में SBI के देश भर में ATM की संख्या 59,291 थी, जो अगस्त में घटकर 59,200 ही रह गई। पंजाब नैशनल बैंक के ATM की संख्या 10,502 से 10,083 हो गई है। निजी क्षेत्र के दिग्गज बैंक HDFC के ATM की संख्या 12,230 से कम होकर 12,225 हो गई है। नोटबंदी के बाद शहरों में ATM के इस्तेमाल में कमी और ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ने की वजह से बैंकों ने ATM व्यवस्था की की समीक्षा की. देश में भारतीय स्टेट बैंक का सबसे बड़ा ATM नेटवर्क है।
जानकारी के अनुसार इस तरह देश में ATM की संख्या में 0.16% की कमी आई, जबकि पिछले 4 सालों में ATM की संख्या में 16.4 फीसदी की तेजी आई थी। हालांकि, पिछले एक साल में यह ग्रोथ कम होकर 3.6 फीसदी पर ही रह गई। नोटबंदी के बाद शहरों में ATM के इस्तेमाल में कमी और ऑपरेशनल कॉस्ट में इजाफा होने के चलते बैंकों को अब ATM की व्यवस्था की समीक्षा करनी पड़ रही है। देश में भारतीय स्टेट बैंक का सबसे बड़ा ATM नेटवर्क है।
ATM रखरखाव पर होता है खर्च
ATM बंद कर कैशलेस की ओर बढ़ने पर बैंकों ने अपनी बात सामने रखी है। बैंकों ने कहा है कि एयरपोर्ट और मुंबई की प्राइम लोकेशन पर 7x5 स्क्वेयर फुट के ATM केबिन का मासिक किराया 40,000 रुपये तक जा सकता है। यहां तक कि चेन्नै और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में भी ATM साइट का किराया 8,000 रुपये से 15,000 रुपये तक पहुंच गया है। इसके अलावा बिजली, एसी, सिक्योरिटी स्टाफ, ATM ऑपरेटर्स, मेंटनेंस चार्ज और इलेक्ट्रिसिटी बिल को मिलाकर एक ATM केबिन के रखरखाव का खर्च महीने का 1 लाख रुपये तक होता है।
ग्राहकों को नहीं होगी असुविधा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एसोसिएट्स बैंकों के मर्जर के बाद कुछ ATM बंद किए हैं. बैंक का कहना है कि हमें यह फैसला करना था कि क्या किसी ATM पर आ रही लागत उसकी उपयोगिता के मुताबिक सही है। हमने ज्यादातर ऐसे ATM को बंद किया है, जिनके आसपास यानी 500 मीटर तक के दायरे में SBI का कोई दूसरा ATM मौजूद था। इससे ग्राहकों को असुविधा नहीं होगी।
Created On :   28 Oct 2017 5:06 PM IST