बीते चार साल में सरकारी बैंकों के NPA में हुआ 322 फीसदी का इजाफा : RTI में खुलासा

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बीते चार साल में सरकारी बैंकों के NPA में हुआ 322 फीसदी का इजाफा : RTI में खुलासा
बीते चार साल में सरकारी बैंकों के NPA में हुआ 322 फीसदी का इजाफा : RTI में खुलासा
हाईलाइट
  • RTI में और भी कई खुलासे हुए हैं
  • जो कि सरकारी बैंकों के खस्ते हालात को दर्शाती है।
  • जानकारी के अनुसार बीते चार साल के दौरान देश में सरकारी बैंकों के NPA में 322.21 फीसदी की बढ़ौतरी हुई है।
  • भारत के सरकारी बैंकों के लिए NPA हमेशा से एक चिंता का विषय रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के सरकारी बैंकों के लिए नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) हमेशा से एक चिंता का विषय रहा है। राइट टू इनफॉर्मेशन (RTI) से मिली जानकारी के अनुसार बीते चार साल के दौरान देश में सरकारी बैंकों के NPA में 322.21 फीसदी की बढ़ौतरी हुई है। इस RTI में और भी कई खुलासे हुए हैं, जो कि सरकारी बैंकों के खस्ते हालात को दर्शाती है।

RTI में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से पूछा गया था कि देश के सरकारी बैंकों में जून 2014 से जून 2018 तक NPA की क्या स्थिति है? इसपर जवाब देते हुए रिजर्व बैंक ने बताया कि उनके पास महज दिसंबर 2017 तक का ही NPA आंकड़ा मौजूद है। इसके बाद के आंकड़ें अभी तक उनके पास नहीं आए हैं। उन्होंने कहा की इसके बाद के आंकड़ें भी जल्द ही उपलब्ध कराए जाएंगे।

RBI ने कहा कि 30 जून, 2014 तक सरकारी बैंकों का ग्रॉस NPA दो लाख 24 हजार करोड़ रुपये था। वहीं 31 दिसंबर, 2017 तक यह राशि बढ़कर सात लाख 24 करोड़ रुपए पहुंच गई। RBI के आंकड़ों के हिसाब से बीते चार साल में NPA में 322.21 फीसदी की बढ़ौतरी हुई है।

इसके अलावा रिजर्व बैंक से यह पूछे जाने पर कि सरकारी बैंकों द्वार इस साल के 30 जून तक कितने NPA की रिकवरी की गई है? RBI ने इसके जवाब में कहा कि अप्रैल 2014 से लेकर मार्च 2018 तक बीते चार साल में सरकारी बैंकों ने कुल एक लाख 77 करोड़ रुपये की रिकवरी की है। वहीं बाकी NPA की रिकवरी के लिए सरकार प्रयासरत है।

हाल ही में RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बढ़ते NPA के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। राजन ने कहा था कि केंद्र की पूर्व सरकार ने  घोटालों और उनकी जांच की वजह से सरकार ने धीमी गति से अपने निर्णय लिए, जिसकी वजह से बैंकों का NPA बढ़ता गया। राजन के इस खुलासे के बाद BJP और कांग्रेस अपने-अपने कार्यकाल की आर्थिक नीतियों को सही ठहरा रहे थे। इससे पहले पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) अरविंद सुब्रमण्यम ने संसदीय समिति के सामने NPA संकट को पहचानने और इसका हल निकालने के लिए किए गए राजन के प्रयासों की सरहाना की थी।

Created On :   19 Sep 2018 3:47 PM GMT

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