Budget 2019: जानिए ऐसे 10 शब्दों का मतलब, बजट के दौरान होता है जिनका इस्तेमाल

Budget 2019: government scheduled to present the Interim Budget
Budget 2019: जानिए ऐसे 10 शब्दों का मतलब, बजट के दौरान होता है जिनका इस्तेमाल
Budget 2019: जानिए ऐसे 10 शब्दों का मतलब, बजट के दौरान होता है जिनका इस्तेमाल
हाईलाइट
  • 1 अप्रैल से 31 मार्च तक किया जाता है बजट का उपयोग
  • इस बार सरकार लेकर आएगी अंतरिम बजट
  • वित्तीय गतिविधियां सुचारू रूप से चलाने लाया जाता है बजट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्तीय संबंधी गतिविधियां सही तरीके से चलाने के लिए हर साल सरकार केंद्रीय बजट लाती है। इस बजट का उपयोग ही 1 अप्रैल से 31 मार्च तक किया जाता है। सरकार इस बार 1 फरवरी को अंतरिम बजट (Interim Budget 2019) पेश करने वाली है।

वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल (piyush goyal) इस बार बजट पेश कर सकते हैं। बजट के दौरान कई ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जो अक्सर लोगों के समझ में नहीं आते हैं। आइए आपको बताते हैं, उन 10  शब्दों के बारे में जो बजट के दौरान इस्तेमाल किए जाते हैं।

अंतरिम बजट (Vote on Account)
चुनावी साल में सरकार पूर्ण की बजाय कुछ महीनों का खर्च चलाने के लिए अंतरिम बजट पेश करती है। इसे वोट ऑन अकाउंट या लेखानुदान मांग भी कहा जाता है। इस बजट में सरकार नीतिगत फैसला नहीं लेती है, संविधान के अनुच्छेद 116 में इसका प्रावधान है।

राजस्व (Tax)  घाटा (Revenue Deficit)
राजस्व (Tax) मिलने और राजस्व (टैक्स) खर्च होने के बीच के अंतर को राजस्व घाटा कहा जाता है। यह घाटा सरकार के व्यय बढ़ने और आय में कमी होने के कारण होता है।

राजस्व बजट (Revenue Budget)
राजस्व बजट में सरकार को मिलने वाला राजस्व और खर्च होने वाला राजस्व भी शामिल होता है। राजस्व प्राप्ति को मुख्य तौर पर 2 भागों में बांटा गया है, पहला कर और दूसरा गैर कर राजस्व। कर राजस्व में सीमा शल्क, उत्पाद, कार्पोरेट, आयकर, सेवा और अन्य शामिल हैं, जबकि गैर कर राजस्व लाभांश, निवेश और कर्ज पर ब्याज आता है। 

सार्वजनिक खाता (Public Account) 
संविधान के अनुच्छेद 266 (1) के त हत सार्वजनिक खाता की स्थापना की गई है। इसके अंतर्गत वह राशि आती है, जिसे सरकार बैंकर की तरह इस्तेमाल करती है। उदाहरण के तौर पर अल्प बचत जमा या भविष्य निधि जमा। इसमें पैसों का व्यय करने से पहले सरकार के आदेश की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि ये पैसे जनता द्वारा ही जमा किए जाते हैं।

वित्त विधेयक (Finance Bill)
वित्त विधेयक केंद्रीय बजट को प्रस्तुत करने के तुरंत बाद पेश करना होता है। इसमें बजट में परिवर्तन या विनियम, प्रभाव या उन्मूलन के बारे में सभी जानकारी होती है। वित्त विधेयक में आने वाले वित्तीय वर्ष में नए तरह का कोई कर लगाने या संसोधन करने से संबंधित विषय भी शामिल रहते हैं।

राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit)
कुल कमाई से भी ज्यादा खर्च हो जाने पर सरकार कुछ समय के लिए कर्ज लेती है। बाजार से सरकार की कुल कमाई और उससे भी ज्यादा खर्च होने पर इनके बीच के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।

कटौती प्रस्ताव (Cut Motion)
कटौती प्रस्ताव बजट का ही एक भाग है। इस हथियार का उपयोग लोकसभा सांसद कार्यपालिका पर नियंत्रण करने के लिए करते हैं। इसके जरिए अनुदानों में कटौती की जा सकती है।

आकस्मिक निधि (Contingency Fund)
अचानक होने वाले खर्च के समय पैसे उपलब्ध कराने के लिए आकस्मिक निधि का उपयोग किया जाता है, यह राष्ट्रपति के पास रहती है, जिसे अचानक जरूरत पड़ने पर खर्च की जाती है। इसे व्यय करने के लिए संसद की स्वीकृति नहीं लेनी पड़ती।

भारत की संचित निधि (Consolidated Fund)
सभी सरकारी खातों में संचित निधि सबसे जरूरी होती है। सरकार को स्वीकृत ऋण पर मिलने वाले ब्याज और बाजार से लिए गए ऋण को संचित निधि में जमा किया जाता है। यह भारत की सबसे बड़ी निधि है, जो संसद के अधीन होती है। संसद की पूर्व स्वीकृति के इससे धन न ही निकाला जा सकता है और न ही जमा किया जा सकता है।

वार्षिक वित्तीय रिपोर्ट (Annual Financial Statement)
वार्षिक वित्तीरय रिपोर्ट को बजट का सबसे जरूरी दस्तावेज माना जाता है। संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक सरकार को दोनों सदनों में हर वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित प्राप्तियों एवं व्यय का विवरण रखना होता है।

Created On :   27 Jan 2019 10:13 AM GMT

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