21 हजार करोड़ के घाटे में चल रहे हैं ये चार बैंक, सरकार कर रही है विलय पर विचार

- इन चारों बैंकों की कुल संपत्ति 16.58 लाख करोड़ है।
- केन्द्र सरकार इन चारों बैंकों में बढ़ते NPA के कारण यह कदम उठाने पर विचार कर रही है।
- चार बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा
- आईडीबीआई बैंक लिमिटेड
- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।
- ये चार बैंक पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति पर 21
- 646.38 करोड़ रुपये के संयुक्त घाटे में चल रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार देश के चार बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय पर विचार कर रही है। इन चार बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई बैंक लिमिटेड, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। इन चारों बैंकों की कुल संपत्ति 16.58 लाख करोड़ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केन्द्र सरकार इन चारों बैंकों में बढ़ते NPA के कारण यह कदम उठाने पर विचार कर रही है। इन सभी बैंकों में NPA के कारण घाटा बढ़ता जा रहा है। आंकड़ों की मानें तो ये चार बैंक पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति पर 21,646.38 करोड़ रुपये के संयुक्त घाटे में चल रहे हैं। वित्तीय मामलों के जानकारों का कहना है कि इस विलय से जमा होने वाली संयुक्त संपत्ति से घाटा झेल रहे बैंकों को नुकसान से बचाया जा सकता है। इसीलिए सरकार इस उपाय पर विचार कर रही है।
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मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि चार बैंकों के इस विलय से कमजोर बैंकों को संपत्ति बेचने, ओवरहेड्स को कम करने और धन खोने वाली शाखाओं को बंद करने की अनुमति मिल जाएगी। साथ ही बैंकों की लागत में कटौती, बैंकों का ज्यादा-से-ज्यादा विकास और संपत्तियों का बेहतर इस्तेमाल भी किया जा सकेगा।
वित्तीय जानकर मानते हैं कि अगर सरकार इन चार बैंकों के विलय के फैसले पर पहुंचती है तो यह बैंकों और सरकार दोनों के ही हित में होगा। इससे एक और जहां बढ़ते NPA की वजह से घिर रही सरकार की किरकिरी कम होगी, वहीं अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी यह फैसला सही साबित होगा। गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में केन्द्र सरकार ने इसी तरह पांच सार्वजनिक क्षेत्रों की बैंकों और भारतीय महिला बैंक का एसबीआई में विलय कर दिया था।
Created On :   5 Jun 2018 2:17 PM IST