जनवरी 2018 से नहीं मिलेगा बिना हॉलमार्किंग वाला गोल्ड

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। केंद्र सरकार जनवरी से देश में बनने और बिकने वाले सोने पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने की योजना बना रही है। साथ ही सोने की शुद्धता (कैरेट) मापने की इकाई को साफ दर्शाने पर भी सरकार नियम को अनिवार्य कर सकती है। सोने की बिक्री के नए नियमों को लेकर खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने ये जानकारी दी। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के प्रायोजित कार्यक्रम में पासवान ने कहा कि "अभी लोगों को स्वर्ण आभूषण की शुद्धता और गुणवत्ता का पता नहीं होता है। हम आभूषणों पर हॉलमार्क अनिवार्य करने की योजना बना रहे हैं। ये जनवरी से हो सकता है।" पासवान ये भी कहा कि " हालांकि अभी भी आभूषणों पर हॉलमार्क अंकित किया जाता है, लेकिन ये सोने के शुद्धता की जानकारी देने के लिए पर्याप्त नहीं है।"
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फिलहाल कैरेट के लिए तीन श्रेणियाँ प्रयोग में लाई जाएंगी, जो 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट की होंगी। पासवान ने कहा, "इस वक्त लोग उस सोने की गुणवत्ता को नहीं जानते हैं, जिसे वो खरीदते हैं। हम हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने की योजना बना रहे हैं। ये जनवरी तक किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा, "BIS मानकों का इस्तेमाल कुछ ही आभूषणों में किया जाता है लेकिन ये उपभोक्ताओं के लिए आभूषणों की गुणवत्ता को पूरी तरह से जानकारी नहीं देता है। प्रस्तावित नियमों के तहत सोने के आभूषणों में कैरेट का भी इस्तेमाल किया जाएगा।"
आगे उन्होंने कहा "उनका मंत्रालय उपभोक्ता संरक्षण पर जोर दे रहा है, जो नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम और बीआईएस अधिनियम के कारण और अधिक प्रभावी हो गया है। पासवान ने कहा कि स्मार्ट शहर बनाना बहुत जटिल काम है और इसकी अपनी चुनौतियां हैं। इस कार्य में मानक ही एकमात्र ऐसा साधन है, जो इसको आसान कर सकता है। राष्ट्रीय मानक, स्मार्ट शहरों के कार्य को सुरक्षित और सहज बनाते हैं। बता दें कि सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग अभी वैकल्पिक है। बड़े ब्रांड भी अपने गहनों पर हॉलमार्क नहीं लगा रहे हैं।
Created On :   4 Nov 2017 8:37 AM IST