2.1 लाख फर्जी कंपनियों पर है सरकार की नजर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों से उन 2.1 लाख फर्जी कंपनियों की संपत्तियों की जांच करने का आग्रह किया है जिनका रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया गया है। कॉर्पोरेट अफेयर्स एंड लॉ एंड जस्टिस राज्यमंत्री पीपी चौधरी ने राज्यों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया जल्द पूरी की जानी चाहिए। चौधरी ने कहा, "इन कंपनियों की वैधता खत्म हो चुकी है। उनकी संपत्तियों पर किभी तरह का ट्रांजैक्शन पूरी तरह अवैध है। जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह ऐसी फर्जी कंपनियों पर नजर रखें और इनके नाम पर किसी तरह का लेनदेन नहीं होने दें।" उन्होंने कहा कि राज्यों को ऐसी संपत्तियों की जांच जल्द से जल्द पूरी करके समयबद्ध कार्यक्रम के तहत कारपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री से साझा करनी चाहिए। कंपनीज ऐक्ट के तहत रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा कैंसल कंपनियों की संपत्तियों पर कार्रवाई को लेकर आयोजित बैठक में चौधरी ने यह बात कही।
फर्जी संपत्तियों पर नहीं हो ट्रांजैक्शन
चौधरी ने कहा, पूरे देश की जमीनों का ब्यौरा अब कंप्यूटराइज्ड हो गया है। ऐसे में इन कंपनियों की सपंत्ति के बारे में जानकारी जुटाने में देर नहीं की जानी चाहिए। राज्य सरकारों की ओर से इस जानकारी को संबंधित जिला प्रशासन और केंद्र सरकार से साझा करनी चाहिए। उन्होंने राज्यों के प्रतिनिधियों से कहा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की ओर से जिन कंपनियों के नामों को हटा दिया गया है, इनकी संपत्तियों पर डायरेक्टर्स और ऑथराइज्ड सिग्नेटरी की ओर से किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं होना चाहिए।
लेनदेन रोकना प्रशासन की जिम्मेदारी
पीपी चौधरी ने राज्यों से कहा कि इन कंपनियों के नाम रिकार्ड से खत्म कर दिए गए हैं। ऐसे में इनसे जुड़ी किसी भी संपत्ति पर कानूनी रूप से किसी का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा यह जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे मामलों में किसी तरह का लेनदेन नहीं होने दे। प्रशासन को कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से साझा की गई जानकारियों के आधार पर इस पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा जिला प्रशासन को रद्द की गई कंपनियों की सपंत्तियों के लेन-देन पर नजर रखने के लिए प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को दुरुस्त करना होगा।
Created On :   27 Oct 2017 8:38 PM IST