मोदी सरकार के इस नए कानून से लगेगी नीरव और माल्याओं पर लगाम

Centre Ready With New Law for Speedy Recovery of Assets From Fugitive Defaulters
मोदी सरकार के इस नए कानून से लगेगी नीरव और माल्याओं पर लगाम
मोदी सरकार के इस नए कानून से लगेगी नीरव और माल्याओं पर लगाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बैंकों के साथ धोखाधड़ी के लगातार आ रहे मामलों को देखते हुए मोदी सरकार अब एक नया कानून लाने पर विचार कर रही है। दावा किया जा रहा है कि अगर ये कानून आता है तो फिर नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगौड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी।  सरकार मौजूदा बजट सत्र में एक नया विधेयक पेश कर सकती है। विधेयक के कानून बनने के बाद छह हफ्ते के भीतर भगौड़ा घोषित करना संभव हो सकेगा। साथ ही मुमकिन है कि आरोप साबित होने के पहले ही ऐसे भगौड़ों की संपत्ति जब्त करने और बेचने की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी।

बताया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय ने पिछले साल ही इस मसौदे को तैयार कर लिया था। जिसके बाद इस बिल को पब्लिक डोमेन में रायशुमारी के लिए भेजा गया था। माना जा रहा है कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे संसद में पेश करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। प्रस्तावित विधेयक को यदि मंजूरी मिल जाती है तो आर्थिक अपराधों से निपटने के लिए बने अन्य कानूनों की यह जगह ले लेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह विधेयक 6 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश किया जा सकता है। वित्त मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी एक बयान में कहा गया, "यह आमतौर पर महसूस किया जा रहा है कि देश की कानूनी प्रक्रिया से बचकर आर्थिक अपराधियों का विदेश भाग जाना, भारत के कानून को कमतर आंकने जैसा है।" 

ये होंगे प्रावधान
प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के तहत एक विशेष अदालत गठित किए जाने का प्रावधान है। ऐसे विशेष अदालत में वहीं मामले लिए जाएंगे जिनमें से 100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की रकम शामिल है। ऐसा इसीलिए किया गया है, ताकि विशेष अदालत में मुकदमों की भीड़ नहीं लगे। यह अदालत बैंक या वित्तीय संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी करने जैसे मामलों में आरोपी को भगौड़ा घोषित करेगा। एक भगौड़ा अपराधी वो है जिसके खिलाफ अधिसूचित अपराध के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है, लेकिन वो व्यक्ति मुकदमे से बचने के लिए देश से भाग चुका है। यही नहीं यदि ऐसा कोई व्यक्ति मुकदमे का सामना करने के लिए देश वापस लौटने से इनकार कर दे तो वो भी भगोड़े अपराधी की श्रेणी में आएगा। भगौड़ा घोषित किए जाने के बाद उस व्यक्ति की देश में स्थित सारी संपत्ति सरकार के हाथों में आ जाएगी और इस पर किसी भी तरह की देनदारी नहीं होगी। कोर्ट के आदेश पर ऐसा व्यक्ति या ऐसी कंपनी जिसमें उस व्यक्ति की बड़ी हिस्सेदारी है, वो प्रबंधन की भूमिका में है, उस संपत्ति पर दिवानी दावा नही ठोक सकेगा। यदि भगौड़ा व्यक्ति देश वापस आकर सरेंडर कर देता है तो ऐसी सूरत में प्रस्तावित कानून के बजाए प्रचलित कानून के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

माल्या और नीरव मोदी भाग चुके है देश छोड़कर
भारतीय बैंकों का तकरीबन 9000 करोड़ रुपए लेकर विजय माल्या के भाग जाने के बाद से ही सरकार पर इस बात का दबाव था कि वह माल्या के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और उसे वापस लाकर देश का पैसा वसूले। लेकिन सरकार विजय माल्‍या को तो अभी तक वापस नहीं ही ला पाई और इस बीच नीरव मोदी समेत दो-तीन और घोटालेबाज देश छोड़कर भाग गए। इस वजह से सरकार पर यह दबाव बन गया था कि वह भ्रष्‍टाचार पर कुछ करती दिखे। क्‍योंकि सरकार बनाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काले धन पर अंकुश लगाने की काफी बातें की थी।

 

Created On :   26 Feb 2018 11:17 PM IST

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