ICICI बैंक : चंदा कोचर का CEO पद से इस्तीफा, संदीप बख्शी​​​​​​​ को मिली नई जिम्मेदारी

Chanda Kochhar quits as ICICI Bank CEO, Sandeep Bakhshi to take charge
ICICI बैंक : चंदा कोचर का CEO पद से इस्तीफा, संदीप बख्शी​​​​​​​ को मिली नई जिम्मेदारी
ICICI बैंक : चंदा कोचर का CEO पद से इस्तीफा, संदीप बख्शी​​​​​​​ को मिली नई जिम्मेदारी
हाईलाइट
  • ICICI बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर चंदा कोचर ने इस्तीफा दे दिया है।
  • 2009 से वह बैंक को सेवाएं दे रहीं थी। 2019 में उनका रिटयरमेंट होना था।
  • कोचर पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देते समय नियमों की अनदेखी का आरोप है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ICICI बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO चंदा कोचर ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया है। बैंक ने उनका इस्तीफा मंजूर करते हुए तत्काल प्रभाव से उन्हें मुक्त कर दिया है। कोचर ने बोर्ड से अपील की थी कि उन्हें जल्द रिटायरमेंट दे दिया जाए। जिस बैंक को कोचर ने बुलंदियों पर पहुंचाया आज उसी बैंक से उन्होंने नाता तोड़ लिया। 2009 से चंदा कोचर MD और CEO के तौर पर बैंक को सेवाएं दे रहीं थी। मार्च 2019 में उनका रिटायरमेंट होना था। चंदा काेचर पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने पति को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल किया।

एमडी-सीईओ बने संदीप बख्शी
गुरुवार को बैंक की तरफ से इस सूचना को शेयर बाजार के साथ भी साझा किया गया। बैंक ने कहा- बोर्ड ने समय से पूर्व चंदा कोचर की पद छोड़ने की मांग को स्वीकार कर लिया है। उनके खिलाफ चल रही जांच पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। बैंक ने संदीप बख्शी को मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ बनाने का फैसला लिया है। बख्शी का कार्यकाल 5 सालों का होगा, जो 3 अक्टूबर 2023 को पूरा होगा। संदीप बख्शी ICICI Prudential Life Insurance के CEO और MD हैं और हाल ही में बख्शी को ICICI बैंक मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ COO) बनाया गया था।

1984 में बैंक के साथ जुड़ी थी कोचर
1984 में चंदा कोचर मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर ICICI बैंक के साथ जुड़ी थीं। 1993 में कोचर को अस‍िस्टेंट जनरल मैनेजर के तौर पर तैनाती मिली। इसके बाद 1996 में डेप्यूटी जनरल मैनेज के तौर पर उन्हें प्रमोट किया गया। 1998 में कोचर को जनरल मैनेजर के तौर पर प्रमोट किया गया। 2001 में चंदा कोचर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनीं। 2006 में उन्हें डेप्यूटी मैनेज‍िंग डायरेक्टर के पद पर चुना गया। 2009 में वह बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ बनीं।

क्या है मामला?
बता दें कि चंदा कोचर पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के मामले में अनियम‍ितता बरतने का आरोप लगा है। 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया गया। वीडियोकॉन ग्रुप का ये लोन एनपीए घोषित कर दिया गया। लोन स्वीकृत करने वाले कंसोर्टियम की कमेटी में चंदा कोचर शामिल थीं। चंदा कोचर पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगा। वीडियोकॉन के फाउंडर वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर रिन्यूएबल्स में निवेश किया। न्यूपावर के फाउंडर चंदा कोचर के पति दीपक कोचर हैं। वीडियोकॉन मामले में सेबी ने भी चंदा कोचर को नोटिस दिया था।

चंदा कोचर के खिलाफ बैंक कर रहा जांच
इस मामले में बैंक चंदा कोचर के खिलाफ स्वतंत्र रूप से जांच कर रही थी। ICICI बैंक ने बताया था कि बैंक की CEO के खिलाफ लगे आरोपों की स्वतंत्र जांच कराने का फैसला किया गया है। बैंक बोर्ड ने इस सिलसिले में जांच समिति का गठन करने का फैसला किया था, जिसकी अध्यक्षता एक स्वतंत्र शख्स कर रहा था। समिति ये जांच कर रही थी की कर्ज देने के मामले में आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है या नहीं। बैंक बोर्ड का कहना था कि उसकी ऑडिट समिति कार्रवाई को लेकर आगे फैसला करेगी।  

Created On :   4 Oct 2018 12:28 PM GMT

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