जयंत सिन्हा ने हवाई किराए को बताया ऑटो रिक्शा के किराए से सस्ता, बाद में दी सफाई
- उन्होंने कहा कि अगर प्रति किलोमीटर के हिसाब से हवाई यात्रा बाकी देशों के मुकाबले सस्ता है।
- जयंत सिन्हा ने मंगलवार को अपने हवाई यात्रा और ऑटो रिक्शा वाले बयान पर सफाई दी।
- सोमवार को सिन्हा ने कहा था कि हवाई जहाज में यात्रा करना ऑटो-रिक्शा में सफर करने से ज्यादा सस्ता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सिविल एविएशन स्टेट मिनिस्टर जयंत सिन्हा ने मंगलवार को अपने हवाई यात्रा और ऑटो रिक्शा वाले बयान पर सफाई दी। सिन्हा ने कहा कि उनके कहने का मतलब था प्रति किलोमीटर के हिसाब से देखा जाए तो भारतीय हवाई यात्रा वाकई बाकी देशों के मुकाबले सस्ती है। इसका यह मतलब नहीं कि लोग छोटी दूरी के लिए हवाई यात्रा करने लगें। बता दें कि सोमवार को सिन्हा ने कहा था कि हवाई जहाज में यात्रा करना ऑटो-रिक्शा में सफर करने से ज्यादा सस्ता है। इतना ही नहीं उन्होंने इसके पीछे का हिसाब भी बताया था।
मंगलवार को अपने बयान को स्पष्ट करते हुए सिन्हा ने कहा कि उन्होंने बस यह दिखाने की कोशिश की थी कि भारत में हवाई किराया कितना किफायती है। उन्होंने कहा, "प्रति किलोमीटर के आधार पर हमारा हवाई किराया दुनिया में सबसे कम है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप छोटी दूरी के लिए विमानों का उपयोग करें। यह तुलना का विषय बिलकुल नहीं है। मैं बस यह बताना चाह रहा हूं कि देश में हवाई यात्रा बिलकुल भी महंगी नहीं है।
#WATCH MoS Civil Aviation Jayant Sinha clarifies,"So on a per km basis our air fare is among lowest in the world. I am not implying you use planes for short distances, that"s not the point of the comparison, it"s just to be able to demonstrate how affordable our air fares are." pic.twitter.com/ofH7AfBwep
— ANI (@ANI) September 4, 2018
इससे पहले जयंत सिन्हा सोमवार को गोरखपुर में नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। वहां उन्होंने कहा था, "आज एयरफेयर ऑटो-रिक्शा की तुलना में कम है। आप पूछेंगे कि यह कैसे संभव है? ऑटो रिक्शा में सफर करते वक्त यात्री 5/ किमी रुपये खर्च करते हैं लेकिन एक हवाई यात्रा के दौरान एक यात्री को बस 4/किमी की लागत ही देनी पड़ती है। यह आंकड़ा काफी रोचक है। इससे पता चलता है कि एविएशन सेक्टर में क्रांति आई है।"
Today airfare is less than that of an auto-rickshaw. You"ll ask how is that possible? When two people take an auto-rickshaw they pay fare of Rs 10 which means they"re charged Rs 5/km but when you go by air you are charged Rs 4/km: Jayant Sinha, MoS Civil Aviation (03.09.2018) pic.twitter.com/orbwOvdDLJ
— ANI UP (@ANINewsUP) September 4, 2018
बता दें कि भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता डॉमेस्टिक एविएशन मार्केट है। इसके बावजूद एयरलाइंस कंपनियां 90 प्रतिशत सीटें भरने के बाद भी घाटे में चल रही हैं। एविएशन मार्केट ने पिछले चार साल में सिर्फ दो प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। वहीं किराए की बात की जाए तो भारत में हवाई किराया कम होने की वजह से सभी एयरलाइंस कंपनियों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है। एविएशन कंसल्टिंग फर्म CAPA इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एयर इंडिया और जेट एयरवेज जैसी एयरलाइंस कंपनियों की लागत बढ़ रही है। वहीं कम हवाई किराए की वजह से इस फाइनेंशियल ईयर में एयरलाइंस कंपनियों को 1.9 बिलियन डॉलर तक का घाटा सहना पड़ सकता है।
जेट एयरवेज इस वक्त वित्तीय संकट से जूझ रही है। 2 जुलाई से अब तक इस एयरलाइन के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली है। पिछले महीने इसका शेयर 12 प्रतिशत टूट कर 286.95 रुपए पर पहुंच गया। यह जेट एयरवेज का 52 सप्ताह में न्यूनतम स्तर है। वहीं देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने जुलाई में कहा था कि उन्हें इस क्वार्टर में सबसे कम प्रॉफिट हुआ है।
Created On :   4 Sep 2018 1:26 PM GMT