तो ये है पेट्रोल की कीमतों में लगी आग की वजह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो जल्द ही लोगों को अपनी गाड़ियां घर से निकालने से पहले सोचना होगा। लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में 2014 के मुकाबले कच्चे तेल की कीमतें लगभग आधी हो गई हैं इसके बावजूद पेट्रोल डीजल के दामों में किसी तरह की कोई कमी नहीं आ रही है। मोदी सरकार के आने के बाद कच्चे तेल के दाम 53 फीसदी तक कम हुए हैं।
तो आपको बता दें कि इन दामों के बढ़ने की असली वजह पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी का बढ़ना है। भाजपा की सरकार की आने के बाद इन तीन सालों में एक्साइज ड्यूटी को कई गुना बढ़ा दिया गया है। यह एक्साइज ड्यूटी मोटे तौर पर देखा जाए तो पहले 10 रुपए लीटर थी जो अब बढ़कर करीब 22 रुपए हो गई है। बता दें कि अभी पेट्रोल की कीमतें तीन साल के सबसे ऊपरी स्तर पर है। कमोबेश हर शहर में पेट्रोल 80 रुपए लीटर के आसपास मिल रहा है।
क्यों ली जाती है एक्साइज ड्यूटी
एक्साइज ड्यूटी एक तरह का टैक्स होता है जिससे सरकार के लिए रेवेन्यू जनरेट होता है। इसका उपयोग सार्वजनिक सर्विसेस में किया जाता है। इसे सेन्ट्रल वैल्यू ऐडेड टैक्स (CENVAT) के नाम से जाना जाता है। यह टैक्स कुछ स्पेशल गुड्स पर ही लगाया जाता है। यह भी तीन तरह का होता है। जो कि अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग लगता है।
Created On :   13 Sep 2017 8:11 AM GMT