डीएचएफएल ने 50 करोड़ रुपये एनसीडी पुनर्भुगतान का किया डिफाल्ट, मोरैटोरियम प्रतिबंधों को बताया जिम्मेदार
- डीएचएफएल ने 50 करोड़ रुपये एनसीडी पुनर्भुगतान का किया डिफाल्ट
- मोरैटोरियम प्रतिबंधों को बताया जिम्मेदार
मुंबई, 5 जुलाई (आईएएनएस)। दिवालिया हो चुकी नॉन-बैंकिंग फायनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) डीएचएफएल ने सेक्योर्ड नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) पर 50 करोड़ रुपये का पुनर्भुगतान नहीं किया और उसने मूल भुगतान के पुनर्भुगतान में अपनी विफलता के लिए कंपनी पर लगाए गए मोरैटोरियम प्रतिबंधों को जिम्मेदार ठहराया है।
डीएचएफएल ने एक नियामकीय फाइलिंग में कहा, कृपया इसे दर्ज किया जाए कि कंपनी इस समय 29 नवंबर, 2019 से संहिता की धारा 14 के अनुपालन में मोरैटोरियम के तहत है और इसलिए कंपनी अपने किसी भी ऋणदाता (एनसीडी होल्डर सहित) को ब्याज या मूल का पुनर्भुगतान करने की स्थिति में नहीं है।
उसने कहा है कि ऋणदाताओं या एनसीडी होल्डर्स को भुगतान निलंबित रहेगा और यह इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के अनुसार कंपनी के खिलाफ शुरू की गई कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के परिणाम पर निर्भर होगा।
भरतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले नवंबर में कंपनी के निदेशक मंडल को निलंबित कर दिया और एक प्रशासक नियुक्त कर दिया तथा बोर्ड के सभी अधिकार प्रशासक को दे दिए।
इसके बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने आरबीआई के एक आवेदन के बाद मुंबई में कंपनी के खिलाफ दिसंबर में सीआईआरपी शुरू की।
कंपनी के ऊपर कथित तौर पर लगभग 97,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और उसने कुल बैंक ऋण से 31,000 करोड़ रुपये का कथित तौर पर गबन किया है।
कंपनी के प्रमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अप्रैल में गिरफ्तार किया था और इस समय वे जांच का सामना कर रहे हैं।
Created On :   5 July 2020 12:31 PM GMT