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दैनिक भास्कर हिंदी: सूनी पड़ी हैं पुरानी दिल्ली की मशहूर दुकानें

हाईलाइट
- सूनी पड़ी हैं पुरानी दिल्ली की मशहूर दुकानें
नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। मसालों, मेवों, दालों, अचार, मुरब्बे आदि के लिए मशहूर खारी बावली का बाजार सोमवार को एक बार फिर से खुला। हालांकि यहां कई दुकानदार कोरोना वायरस से ग्रस्त हो चुके हैं जिसके कारण उनके प्रतिष्ठान अभी भी बंद हैं।
खारी बावली से कुछ दूरी पर सदर बाजार में भी अब कपड़ों, हार्डवेयर, फुटवेयर, स्टेशनरी, बर्तन, फर्नीचर जैसी सैकड़ों दुकानें खुल गई हैं।
खारी बावली में कई पीढ़ियों से मसालों और खास तौर पर सूखी लाल मिर्च का व्यवसाय कर रहे हरिचंद्र अग्रवाल ने कहा, खारी बावली में बाहर के व्यापारियों ने आना लगभग बंद कर दिया है। बाजार में गिने-चुने स्थानीय ग्राहक ही मौजूद हैं। पहले यहां 8 लोग काम करते थे। अब इनमें से सिर्फ 3 बचे हैं लेकिन दुकान पर मौजूद इन तीन कर्मचारियों को भी दिनभर खाली ही बैठना पड़ता है।
खारी बावली के ही एक अन्य व्यापारी सीताराम गुप्ता ने कहा, पिछले दिनों बड़ी तादाद में खारी बावली के दुकानदार कोरोना की चपेट में आ गए थे, जिसके बाद यहां बाजार बंद कर दिया गया था। अब दुकानें खोलने से पहले हमने अपनी दुकान और आसपास के इलाकों को सैनिटाइज करवाया है। हम एक बार फिर अपना काम धंधा शुरू कर रहें, हालांकि की बीमारी का खतरा अगर फिर से बढ़ता है तो हम आगे कुछ और दिनों तक अपना कारोबार बंद रखने को तैयार हैं।
गौरतलब है कि 24 मार्च से ही देशभर में मसालों, सूखे मेवों, दलहन, अनाज, अचार, मुरब्बों के लिए प्रसिद्ध दिल्ली का खारी बावड़ी बाजार बंद था। 31 मई के बाद यहां ज्यादातर दुकानें खोली गई, लेकिन दुकानदारों के कोरोना पॉजिटिव होने पर बाजार को बंद करना पड़ा।
कुछ ऐसा ही हाल सदर बाजार का है। सदर बाजार में पिछले 45 वर्षो से बर्तन का कारोबार कर रहे अशोकी बंसल ने कहा, हमने पिछले करीब 67 दिन से बंद पड़ी अपनी दुकानों को खोला है। हमारा ज्यादातर माल शादियों के सीजन में बिकता है। हमारा एक सीजन पूरी तरह से पिट चुका है। अक्टूबर-नवंबर में भी धंधा मंदा रहने की आशंका है।
सदर बाजार के तेलीवाड़ा इलाके में पुश्तैनी दुकान चला रहे हरीश चंद्र के मुताबिक फिलहाल व्यापारी बस दुकान खोलने के लिए बाजारों में आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, बाजार में कुछ खरीदार मौजूद हैं लेकिन इनमें से अधिकांश लोग आवश्यक वस्तुओं की ही खरीदारी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि यहां गलियां छोटी और संकरी होने के कारण कम भीड़ हो जाती है, जिसके कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो पा रहा है।
सबसे ज्यादा असर यहां खाने पीने की दुकानों पर पड़ा है पुरानी दिल्ली की मशहूर दुकानों में से एक लाहौरी की दुकान प्राचीन मिठाइयों, देसी घी की पिन्नी आदि के लिए मशहूर है। दुकान के मालिक श्याम लाल अरोड़ा ने कहा 50 दिन कारोबार ठप रहने के बाद अब भी कारोबार ठीक से नहीं चल रहा है, लोग खाने पीने की खुली वस्तुएं खरीदने से डरने लगे हैं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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