गेन बिटकॉइन घोटाले का आरोपी क्रिप्टो वॉलेट का यूजरनेम और पासपोर्ट ईडी को दे
- अमित भारद्वाज की मौत इस साल जनवरी में हो गयी
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गेन बिटकॉइन घोटाले के आरोपी अजय भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुये उसे आदेश दिया कि वह अपने क्रिप्टो वॉलेट का यूजरनेम और पासवर्ड प्रवत्र्तन निदेशालय (ईडी) के साथ साझा करे। ईडी की ओर से मामले की पैरवी कर रही अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की खंडपीठ को कहा कि यह मामला क्रिप्टोकरेंसी की वैधानिकता से नहीं जुड़ा है बल्कि यह पोंजी स्कीम है।
गत 25 फरवरी को मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक रूप से भाटी से कहा था कि वह क्रिप्टोकरेंसी की वैधानिकता पर रुख स्पष्ट करें। भाटी ने साथ ही याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने में दिये गये अंतरिम बचाव का भी विरोध किया। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह घोटाले के आरोपी को यूजरनेम और पासवर्ड साझा करने का निर्देश दे।
इस पर खंडपीठ ने कहा कि अगर याचिकाकर्ता अंतरिम बचाव को जारी रखना चाहता है तो वह क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट का यूजरनेम और पासवर्ड ईडी के साथ साझा करे। खंडपीठ ने साथ ही ऐश्वर्या भाटी को कहा कि वह इस मामले की स्थिति रिपोर्ट अगली पेशी में पेश करें।ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के भाई की मौत हो गयी है और ऐसे में उसी के पास यूजरनेम और पासवर्ड है, जिसे जांच अधिकारियों को बताया जाना जरूरी है।
याचिकाकर्ता के वकील ने खंडपीठ को बताया कि पुणे पुलिस ने पूरी जब्ती की थी इसी वजह से सभी सामग्री उसी के पास है। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह दो सप्ताह के भीतर जमानत रद्द करने के आवेदन का जवाब दे और ईडी की जांच में सहयोग करे। यह पूरा मामला करीब 20 हजार करोड़ रुपये के 80,000 बिटकॉइन से जुड़ा है। अजय भारद्वाज के भाई अमित भारद्वाज ने मल्टी लेवल मार्केटिंग आइडिया के साथ गेन बिटकॉइन की शुरूआत की थी।
अमित भारद्वाज ने लोगों को झांसा दिया कि वे बिटकॉइन के रूप में जितना निवेश करेंगे, उन्हें प्रति माह दस प्रतिशत की दर से 18 माह तक उस पर रिटर्न दिया जायेगा। अमित भारद्वाज ने यह रिटर्न बिटकॉइन में ही देने का वादा किया था। निवेशकों को जब रिटर्न नहीं मिलने लगा तो वे इस मामले को सोशल मीडिया आदि पर उठाने लगे। अमित भारद्वाज ने तब उन्हें एमकैप के रूप में रिटर्न देने की बात की लेकिन यह क्रिप्टोकरेंसी किसी काम की नहीं थी। यह क्रिप्टोकरेंसी कहीं सूचीबद्ध नहीं थी।
यह भारद्वाज बंधुओं के अपने एक्सचेंज एमकैप एक्सचेंज और सी-सेक्स पर सूचीबद्ध था। यह एक्सचेंज एमकैप को बिटकॉइन में बदलने का अवसर भी नहीं दे रहा था। अमित भारद्वाज की मौत इस साल जनवरी में हो गयी। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को कहा है कि अजय भारद्वाज का बयान विरोधाभासी है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह जांच को गलत दिशा में ले जाने की कोशिश कर रहा है और महत्वपूर्ण जानकारियां छुपा रहा है।
ईडी ने इन्हीं कारणों का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की है। ईडी का कहना है कि जांच को आगे बढ़ाने के लिये जरूरी जानकारियां याचिकाकर्ता के पास हैं।
आईएएनएस
Created On :   28 March 2022 8:30 PM IST