Air India को बेचने के लिए सरकार तलाश रही है दूसरा विकल्प

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. घाटे में चल रही सरकारी विमान सेवा एयर इंडिया को बेचने का मूड अब सरकार ने पूरी तरह से बना लिया है। इसके लिए अब सरकार की तरफ से सेकंड ऑप्शन भी खोजा जा रहा है। आपको बता दें कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी एयर इंडिया घाटे का सौदा ही रही है। अब इसे पूरी तरह से किसी प्राइवेट कंपनी को बेचने का मन सरकार बना चुकी है।
एयर इंडिया पर है 55 हजार करोड़ का कर्ज
भारत का महाराजा कहे जाने वाली एयर इंडिया की स्थापना 1930 में की गई थी। इस पर करीब 55 हजार करोड़ का कर्ज है। इस कर्ज से उबारने के लिए 2012 में यूपीए सरकार ने 30 हजार करोड़ का फंड दिया था, लेकिन इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। और इसका मार्केट शेयर गिरकर 13 फीसदी रह गया।
जेटली को बनाया गया है अध्यक्ष
एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकार ने 5 मंत्रियों की कमेटी बनाई है, जिसका अध्यक्ष फाइनेंस मिनिस्टर अरूण जेटली को बनाया गया है। माना जा रहा है कि इसके लिए जेटली टाटा कंपनी से बात कर सकते हैं। टाटा के अलावा इंडिगो कंपनी ने भी एयर इंडिया को खरीदने में अपनी रूचि दिखाई थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार एयर इंडिया को किसी भारतीय कंपनी को ही बेचना चाहती है।
दूसरा ऑप्शन भी है सरकार के पास
सरकार चाहती है कि एयर इंडिया बेहतर हाथों में जाए और इसके उसे अच्छे दाम भी मिलें। इसके लिए सरकार दूसरे ऑप्शन पर भी विचार कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार एयर इंडिया को दो कंपनियों में बांट सकती है। उड्डयन विशेषज्ञ अंशुमान देब का कहना है कि एयर इंडिया को दो हिस्से में बेचने से ज्यादा फायदा होगा। वहीं उड्डयन विभाग के अधिकारी का कहना है कि एक बात साफ है कि किसी एक कंपनी के लिए एयर इंडिया को खरीदना आसान नहीं है।
कर्मचारी कर रहे हैं विरोध
एयर इंडिया में लगभग 40 हजार कर्मचारी काम करते हैं। उनमें एक लेबर यूनियन भी है, जिसमें 2500 कर्मचारी हैं, जो सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। एयर इंडिया की कुल 6 सहायक कंपनियां हैं, जिनमें से तीन का घाटा 30 हजार करोड़ के आसपास है। इसके अलावा कंपनी के कई तरह की सर्विस भी प्रोवाइड करती है। इसके बावजूद कंपनी को भारी नुकसान हुआ है। हालांकि सरकार इस बात की पूरी कोशिश कर रही है कि बिकने के बाद यहां काम कर रहे किसी भी कर्मचारी की नौकरी न जाए।
अगले साल तक शुरू हो सकती है प्रोसेस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले साल की शुरुआत तक एयर इंडिया को बेचने की प्रोसेस शुरू की जा सकती है। इसके अलावा अभी तक इस बात पर एकराय नहीं बनी है कि सरकार इस कंपनी की कुछ हिस्सेदारी अपने पास रखे या फिर इसे पूरी तरह से बेच दिया जाए। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि कहीं ऐसा न हो कि खरीदार सिर्फ फायदे की चीज लें और सरकार के पास सिर्फ घाटे की चीज ही रह जाए।
Created On :   9 July 2017 4:32 PM IST