जॉब कम होना इकोनॉमी के लिए अच्छा संकेत : पीयूष गोयल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ दिन पहले वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के इंडिया इकोनामिक समिट में रेलवे मंत्री पीयूष गोयलने एक विचित्र बयान दिया। उन्होंने कहा कि रोजगारों में कमी अर्थव्यवस्था के लिहाज से बहुत अच्छा संकेत है। ऐसे समय में जब देश में लोग बदहाल अर्थव्यवस्था और लगातार घटते रोजगारों से परेशान हैं, ऐसे में रेल मंत्री का बयान हैरानी में डालने वाला है। दरअसल, पीयूष गोयल भारती एयरटेल के अध्यक्ष सुनील मित्तल की उस बात का जवाब दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की टाप 200 कंपनियां पिछले कुछ सालों से रोजगारों में लगातार कटौती कर रही हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि यही परिस्थियां अंतत: भारतीय युवाओं में प्रतियोगिता का भाव पैदा करेंगी, जिससे वे नौकरी खोजने की जगह नौकरी देने वाले बन जाएंगे।
स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं युवा
पीयूष गोयल ने हालांकि पहले ही स्पष्ट कर दिया कि वह युवाओं की नौकरी जाने पर खुशी नहीं जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये स्थितियां अंतत: भारतीय युवाओं को रोजगार खोजने वाले से रोजगार देने वाले में भी तब्दील कर सकती हैं। पीयूष गोयल कहना चाहते थे कि भारतीय युवा इस संकटपूर्ण समय में किसी की नौकरी करने की बजाय स्वरोजगार की तरफ जा रहे हैं। पीयूष ने कहा "अभी सुनील ने जो कहा कि कंपनियां रोजगार में कमी कर ही हैं, अच्छा संकेत है।" रेल मंत्री ने कहा कि आज का युवा केवल जॉब पाने की चाहत रखने वाला नहीं है। वह नौकरियों का सृजन करना चाहता है। गोयल ने कहा कि देश आज देख रहा है कि ज्यादा से ज्यादा नौजवान उद्यमी बनना चाहते हैं।
मुद्रा को ध्यान में रख कही यह बात
पीयूष गोयल केंद्र सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गई मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए लोन उपलब्ध कराने की योजना के बारे में बताना चाह रहे थे। इस योजना के तहत नव उद्यमियों को 3.42 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लगभग आठ करोड़ छोटे उद्यमियों में बांटा जा चुका है। लेकिन क्या यह माना जा सकता है कि जिन लोगों ने हाल के दिनों में आर्थिक मंदी की वजह से अपनी नौकरियां गवांई हैं, उन्हें इस योजना के तहत कर्ज मिल गया और वे स्वरोजगार में सफल रहे।
बड़ी कंपनियां लगातार कर रही छंटनी
पिछले साल लार्सन एंड टुब्रो ने लगभग 14 हजार कर्मचारियों की छंटनी की थी। इसके साथ ही इसी कैलेंडर वर्ष के पहली तिमाही में एचडीएफसी बैंक ने भी कर्मचारियों में कटौती करते हुए 90421 कर्मचारियों से 84325 कर्मचारियों की सीमा पर आ गया। पिछले सालों में 4581. 69 टेक्सटाइल इकाइयां बंद होने से 17600 से अधिक लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा था। सवाल यह है कि क्या इन सभी लोगों ने स्वरोजगार शुरू कर लिया?
Created On :   7 Oct 2017 7:00 PM IST